एसएच का काम छोड़ कंपनी चार साल से फरार
सड़क पर उड़ रही धूल से दुकानदारों परेशान डुमरियाघाट : एक तरफ जहां केंद्र सरकार प्रायोजित भारतमाला सड़क योजना में बिहार की 1432 किलोमीटर सड़कों को शामिल करने की बात कह रही है. वही दूसरी तरफ पूर्व से जारी योजनाओं के तहत बने सड़कों का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है. डुमरियाघाट में निर्माणाधीन इस्ट वेस्ट […]
सड़क पर उड़ रही धूल से दुकानदारों परेशान
डुमरियाघाट : एक तरफ जहां केंद्र सरकार प्रायोजित भारतमाला सड़क योजना में बिहार की 1432 किलोमीटर सड़कों को शामिल करने की बात कह रही है. वही दूसरी तरफ पूर्व से जारी योजनाओं के तहत बने सड़कों का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है.
डुमरियाघाट में निर्माणाधीन इस्ट वेस्ट कॉरिडोर के तहत राजमार्ग-28 को फोरलेन बनाने का कार्य अभी पूरा नहीं हो सका है. मालूम हो कि वर्ष 2006-07 में यहां फोर लेन सड़क का काम शुरू हुआ था, जो अब तक पूरी नहीं हो सकी है.
क्या है सड़क की स्थिति : सड़क निर्माण कंपनी प्रोग्रेसिव कंस्ट्रक्शन लिमिटेड ने आरके मोटल के समीप शेंभुआपुर में पैकेज 10 का बेस कैंप बनाकर निर्माण कार्य शुरू की. कंपनी ने निर्माण के दौरान सड़क, पुल, एप्रोच पथ, डिवाइडर, नाला आदि का निर्माण आधा-अधूरा कर छोड़ दिया. जिसमें डुमरियाघाट पुल से लेकर नरसिंह बाबा स्थान तक आधा किलोमीटर दूरी तक सड़क का निर्माण हुआ ही नहीं है. वही आरके मोटल, बड़हरवाखुर्द पेट्रोल पंप, रामपुर खजुरिया ओवरब्रिज के दक्षिणी छोर पर डिवाइडर नहीं बन सका. साथ ही ओवर ब्रिज के नीचे व चारों तरफ का एप्रोचपथ का भी वही हाल है. एप्रोचपथ का निर्माण नहीं होने से हर समय यह मार्ग अवरुद्ध रहता है. चारों एप्रोचपथ के किनारे नाला निर्माण का कार्य पूरा नहीं हो सका. जिससे सड़क पर हर समय जलजमाव की समस्या बनी रहती है.
अधूरा है निर्माण : कंपनी ने सड़क व पुल का निर्माण कार्य पूरा नहीं किया. सरकार व एनएचआई द्वारा तय सीमा में कार्य पूरा नही होने पर कंपनी ने कई बार समय का एक्सटेंशन कराया. बावजूद इसके कार्य अधूरा ही रहा. वर्ष 2013 में निर्माण कार्य अधूरा छोड़ कंपनी फरार हो गयी. कार्य पूरा नही होने पर एनएचआई ने कंपनी को वर्ष 2014 में ब्लैक लिस्टेड कर दिया. तभी से निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है.
क्या है परेशानी
सड़क निर्माण नही होने से सबसे ज्यादा परेशानी रामपुर खजुरिया चौक स्थित दुकानदारों को हो रही है. सड़क पर उड़ती धूल ने लोगो का जीना मुहाल कर दिया है. बरसात का नजारा तो देखने वाला होता है. यहां कभी चंदा इकट्ठा कर तो कभी समाजिक लोगो के सहयोग से सड़क के गढ्ढे की भराई कर मोटरेबल बनाने की कोशिश होती है. सड़क की परेशानी ने पास के सैकड़ो दुकानदारो का रोजी रोटी छीन लिया है. यहां धूल इतनी है कि चैराहे पर कोई खड़ा होना नही चाहता.
क्या है भारतमाला योजना
यह रास्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना है. इसमे नये के साथ-साथ राजमार्ग निर्माण की अधूरी योजना को भी शामिल किया जाता है. मकसद सड़कों व राष्ट्रीय गलियारों को बेहतर बनाना है.