ढाका, मोतिहारीः आधुनिक बिहार में लालटेन की जरूरत नहीं है. लाठी में तेल पिलाने व लाठी भांजने से बिहार का विकास नहीं हो सकता़ समाज में एकता व भाईचारे से ही बिहार का विकास संभव है़ इसके लिए बिहार को परिवर्तन करना होगा. फौजी ताकत से नहीं बल्कि सामाजिक एकता से देश मजबूत होगा़ ये बातें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को ढाका उच्च विद्यालय के मैदान में जनसभा को संबोधित करते हुए कहीं. मुख्यमंत्री ने कहा, मेरी सरकार रहे या चली जाये, मैं अपने वसूलों व सिद्धांतों से पीछे नहीं हट सकता़.
मैंने सभी जाति व धर्म के लोगों को एक साथ लेकर चलने का काम किया है़ इसकी मजदूरी मांगने आया हूं. उन्होंने कहा, बिहार में आधी हिस्सेदारी महिलाओं को देने, आठ हजार 64 कब्रिस्तानों की घेराबंदी कराने, सभी विद्यालयों के सभी जातियों के छात्र-छात्रओं को पोशाक व साइकिल देने का काम किया है. इससे बिहार की तसवीर बदली है़ उन्होंने कहा कि मेरा एक काम बाकी रह गया है. बिहार राज्य का दर्जा, वह झुक कर नहीं, लड़ कर लेने का काम करूंगा. इसके बाद बिहार में कारखाने लगेंगे और यहां के लोगों को अन्य प्रदेशों में जाकर मजदूरी नहीं करनी होगी़.
इसके पूर्व सीएम ने सभा में पहुंचते ही लोगों का अभिवादन स्वीकार करते हुए कहा, मैं आपके दरबार में हाजिरी देने आया हूं़ मेरी हाजिरी कबूल करें़ मैंने आठ वर्ष तक जो मजदूरी किया है उसकी मजदूरी मांगने आया है़ मेरी मजदूरी मिलनी चाहिए़ उन्होंने जदयू प्रत्याशी शाहिद अली खां के पक्ष में मतदान करने की अपील करते हुए जदयू गंठबंधन को मजबूत करने की अपील की़
उन्होंने सभा स्थल से फैसल रहमान को कहा, घबराने की जरूरत नहीं है. साहस व ताकत से लगे रहो कामयाबी जरूर मिलेगी़ मैं भी हार का सामना कर इस कामयाबी तक पहुंचा हूं.सभा की अध्यक्षता प्रखंड अध्यक्ष एकरामूल हक ने की जबकि संचालन जिला उपाध्यक्ष मो वसी अख्तर ने किया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री को माला पहनाने के उपरांत अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया़च
सभा को संबोधित करने वालों में सीतामढ़ी सांसद अजरुन राय, फैसल रहमान, सतीश कुमार, शाहिद अली खां, कुमकुम सिन्हा, अनिल सहनी, जितेंद्र झा, ई प्रभु दयाल, मुन्ना कुशवाहा, वसीर अहमद, कमलेश्वर प्रसाद, ब्रजेश ठाकुर, चंचल ठाकुर व जमील अख्तर शामिल है़.