गोपालगंज/सीवान/मोतिहारीः भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गोपालगंज, सीवान और मोतिहारी में चुनाव सभाओं में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर जम कर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मां-बेटे की कांग्रेस सरकार ने पिछले चुनाव में 10 करोड़ युवाओं को रोजगार दिलाने का वादा किया था, लेकिन पूरा नहीं किया.
ये देश को धोखा देनेवाले लोग हैं. ऐसे धोखेबाजों को हमारे देश में माफ नहीं किया जाता. गोपालगंज के तिलंगही मैदान में आयोजित सभा में उन्होंने कहा कि राहुल भैया कल गोपालगंज आये थे. लोगों से फिर वादा किया है कि अब घड़ी चाइना मेड नहीं, गोपालगंज मेड होगी. यहां घड़ी बनाना संभव है क्या? यहां तो चीनी मिलें लगाने और बंद पड़ी चीनी मिलों को चालू कराने की जरूरत है. यहां के किसानों की रोटी गन्ना पर टिकी है. जब तक हमारे गन्ना किसान समृद्ध नहीं होंगे, गांव समृद्ध नहीं होगा. तब तक बिहार और देश समृद्ध नहीं होगा. राहुल भैया उलटी गंगा बहाना चाहते हैं. हम गांव और किसान के घर से विकास की गाड़ी चलाना चाहते हैं. आज किसानों को उपज के अनुसार मेहनताना नहीं मिल पा रहा है.
सीवान के कंधवारा प्राथमिक विद्यालय के मैदान में आयोजित सभा में उन्होंने कहा कि यह चुनाव सीवान में अमन, चैन व शांति चुनने का चुनाव है. यह आपको तय करना है कि सीवान में फिर से बम-बंदूक की राजनीति होगी या अमन-चैन की. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी बेशर्म है. ईमानदार बननेवालों के गंठबंधन में लालू प्रसाद हैं. नीतीश कुमार पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि अहंकार की राजनीति ठीक नहीं होती.
मोतिहारी के गांधी मैदान में चुनावी सभा में नरेंद्र मोदी ने अमिताभ बच्चन व लता मंगेशकर के बहाने सोनिया गांधी पर नफरत की राजनीति करने का आरोप लगाया. कहा-अमिताभ गुजरात टूरिज्म के ब्रांड एंबेसडर हैं. इस वजह से उन्हें गोवा के कार्यक्रम में शामिल नहीं होने दिया गया, जब लता मंगेशकर ने यह कहा कि मोदी देश के पीएम बनते, तो अच्छा होता, तब उनसे भारत रत्न वापस लेने की मांग की जाने लगी. क्या ये नफरत की राजनीति नहीं है?
मोदी ने गन्ना किसानों का भी मसला उठाया. उन्होंने कहा कि बिहार के गन्ना मंत्री मोतिहारी से आते हैं, लेकिन पिछले आठ सालों में उन्होंने यहां की बंद चीनी मिलों को फिर से चालू कराने की दिशा में कोई काम नहीं किया है. आखिर यह कौन-सा विकास है? गन्ना किसानों को जब चीनी मिल ही नहीं होगी, तो उन्हें गन्ने का उचित मूल्य कैसे मिलेगा? उन्होंने लीची उत्पादकों की चर्चा करते हुए कहा कि मोतिहारी का विकास तब होगा, जब यहां के लीची उत्पादकों को पैदावार का अच्छा लाभ मिले. यहां लीची के जूस का कारखाना यहां लगे. यहां लीची संरक्षण के प्लांट लगें. इससे तरक्की की राह निकलेगी.