काठमांडो: बिहार के रक्सौल से लेकर काठमांडो तक बनने वाली रेल लाइन के लिए प्रारंभिक इंजीनियरिंग सह यातायात सर्वेक्षण को लेकर एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए भारत और नेपाल के बीच सहमति बन गयी है. तिब्बत को काठमांडो से जोड़ने वाली एक रेल लाइन के लिए व्यवहार्यता अध्ययन करने पर नेपाल और चीन के बीच सहमति बनने के कुछ ही हफ्तों के बाद यह घटनाक्रम हुआ है.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की भारत यात्रा के दौरान काठमांडो से रक्सौल को रेल लाइन से जोड़ने के लिए नेपाल और भारत के बीच सहमति बनी थी. रक्सौल-काठमांडो रेल लाइन के अलावा नेपाल और भारत के बीच सीमा के आरपार पांच रेल लाइनों का निर्माण कार्य पहले ही शुरू कर दिया गया है. इसमें एक रेल लाइन जय नगर से जनकपुर-कुर्था के बीच एक साल के अंदर शुरू हो जायेगी. नेपाल और भारत के वरिष्ठ सरकारी अधिकारी सोमवार को रक्सौल-काठमांडो रेल लाइन के सहमति पत्र (एमओयू) को अंतिम रूप देने पर सहमत हो गये हैं.
भारत ने रक्सौल-काठमांडो रेल लाइन के एमओयू की विषय वस्तु भेज दी है. काठमांडो पोस्ट की खबर के मुताबिक बैठक के दौरान दोनों देश ठोस प्रयास करने और सभी मुद्दों का फौरन हल करने पर सहमत हुए हैं ताकि जयनगर से जनकपुर-कुर्था के बीच और जोगबनी से बिराटनगर कस्टम यार्ड के बीच अक्तूबर 2018 तक पूरी हो जाये. नेपाल की ओर से भौतिक आधारभूत संरचना एवं परिवहन (एमओपीआईटी) मंत्रालय के संयुक्त सचिव केशब कुमार शर्मा और भारत के विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (डीपीए -III) नमगया खामपा ने बैठक में हिस्सा लिया. बयान के मुताबिक कुर्था-बिजलपुर-बर्दीबास और बिराटनगर कस्टम यार्ड से बिराटनगर खंडों के शेष हिस्सों पर भी काम प्राथमिकता के आधार पर आगे बढ़ाने पर बैठक में सहमति बनी.