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मोतिहारी : बनारस से नेपाल तक जल परिवहन सेवा जल्द: गडकरी

बगहा, रक्सौल व मोतिहारी में 3500 करोड़ की योजनाओं का गडकरी ने किया शिलान्यास व उद्घाटन मोतिहारी/बगहा : केंद्रीय राजमार्ग, पोत परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को रामजानकी मार्ग का शिलान्यास किया और कहा कि बनारस-हल्दिया नेपाल के बीच शीघ्र जल परिवहन सेवा शुरू होगी. इससे उद्योग-व्यापार को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने गंडक के त्रिवेणीघाट […]

बगहा, रक्सौल व मोतिहारी में 3500 करोड़ की योजनाओं का गडकरी ने किया शिलान्यास व उद्घाटन

मोतिहारी/बगहा : केंद्रीय राजमार्ग, पोत परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को रामजानकी मार्ग का शिलान्यास किया और कहा कि बनारस-हल्दिया नेपाल के बीच शीघ्र जल परिवहन सेवा शुरू होगी. इससे उद्योग-व्यापार को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने गंडक के त्रिवेणीघाट से बेतिया होते हाजीपुर तक जलमार्ग व डुमरियाघाट में फ्लोटिंग टर्मिनल बनाने की घोषणा की. गडकरी मोतिहारी में आयोजित तीन दिवसीय कृषि कुंभ में सोमवार को उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे. बगहा में उन्होंने 366 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया तथा कहा कि वाल्मीकिनगर से पटना तक जलमार्ग बनेगा, जिससे माल की ढुलाई कम लागत पर होगी.

मोतिहारी में कृषि कुंभ मेला के समापन समारोह में उन्होंने करीब 26 सौ करोड़ की सड़क व अन्य योजनाओं का शिलान्यास किया. इसमें 21 सौ करोड़ की योजना पूर्वी चंपारण और पांच सौ करोड़ की योजना का लाभ गोपालगंज, सीवान, छपरा, वैशाली व मुजफ्फरपुर को मिलेगा. उन्होंने जोर देकर कहा कि बहुप्रतीक्षित राम जानकी पथ से पर्यटकों को अयोध्या, केसरिया बौद्ध स्तूप, सिद्धेश्वर धाम, सीतामढ़ी पुनौउरा धाम व जनकपुर नेपाल जाने में सुविधा होगी.

इन सड़कों का शिलान्यास

राम-जानकी मार्ग (84 किमी)- 1300 करोड़, साहेबगंज-अरेराज (82 किमी) फोरलेन – 1255 करोड़ रुपये खर्च होंगे. देवापुर से कोटवा तक भी उच्च पथ का निर्माण होगा. अरेराज के जुड़ने से सोमेश्वरनाथ महादेव मंदिर जानेवालों को सुविधा मिलेगी.

उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब देश के विभिन्न क्षेत्रों में हवा में चलनेवाली बस व पानी में उतरनेवाला जहाज होगा. उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि कृषि कार्य के साथ अाधुनिक तकनीक को भी अपनाएं. गन्ना से बने इथनॉल का इस्तेमाल पेट्रोल व डीजल में किया जा रहा है. इथेनॉल बनाने वाला प्रोजेक्ट भी निकट भविष्य में लगेगा. इथेनॉल से बायोप्लास्टिक बोतल बनेगा, जो उपयोग के बाद 78 घंटे में मिट्टी का रूप ले लेगा. उन्होंने गन्ना से उत्पदित चीनी से डिटर्जेंट, हेयरवॉश, फेस क्रीम आदि निर्माण की भी लोगों को जानकारी दी.

10 लाख करोड़ का कार्य हो चुका है

उन्होंने कहा कि सरकार पानी पर उतरने वाले हवाई जहाज का भी निर्माण व संचालन शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि हवा में उड़ने वाली डबल डेकर बस भी लाई गयी है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मेरे मंत्रालय में 10 लाख करोड़ का कार्य किया जा चुका है. लेकिन कार्य लेने के लिए कभी भी ठेकेदार को ऑफिस नहीं आना पड़ता है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में बनायी जाने वाली सड़कें इस कदर बन रही है, ताकि 200 वर्षों तक रोड में किसी तरह के खड्ढे नहीं हो.

धनवान बनना हो, तो अपनाएं नयी तकनीक : गडकरी

मोतिहारी : केंद्रीय जलपोत राजमार्ग परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गांधी मैदान में आयोजित कृषि कुंभ में सोमवार को कहा कि नयी तकनीक को अपना कर किसान कार्य करें, तो पूर्वी चंपारण के गांव धनवानों की सूची में शामिल होगा. नयी तकनीक से केवल चीनी ही नहीं, बल्कि इथेनॉल के साथ कई घरेलू समान भी बनेंगे. पूर्वी चंपारण की भूमि उर्वर है और यहां के किसान मेहनती हैं.

उर्वर भूमि से उन्नतस्तरीय फसल होंगे, तो स्वभाविक रूप से किसान व गांवों की तरक्की होगी और हमारे भाग्य विधाता किसान धनवान बनेंगे. इसके लिए जरूरी है कि सड़क मार्ग व सही नीतियों की. सड़क गांवों को जोड़ेंगे, तो किसान अपनी उत्पादन लेकर बाजार तक पहुंचेंगे और उन्हें उचित मूल्य मिलेगा. नयी तकनीक के कारण ही चावल,गेहूं,चीनी व दाल का उत्पादन सरप्लस हो रहा है.इसके पीछे किसानों की मेहनत है. 13 लाख करोड़ रुपये कृषि के क्षेत्र में सरकार ने स्वीकृत की है. केन्द्रीय कृषि सह किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह के प्रयास से कृषि के क्षेत्र में एमएसपी ढाई गुणा बढ़ा है.

पीएम फसल बीमा से किसानों को राहत मिली है. गन्ना की चर्चा करते हुए श्री गडकरी ने कहा कि गन्ना के लिए भी पूर्वी चंपारण की भूमि उर्वर है.

गन्ना से ही इथनॉल बनता है. टीवीएस व बजाज कंपनी को सरकार ने बैठक कर कहा है कि ऐसी तकनीक की बाइक बनाये जो इथनॉल से चले. डीजल व पेट्रॉल में हम दस प्रतिशत इथनॉल मिला सकते हैं. इससे पेट्रोलियम आयात में कमी आयेगी.पर्याप्त चीनी उत्पादन के बावजूद ब्राजील चीनी का मूल्य तय करता है.

ब्राजील में चीनी 20 रुपये प्रति किलो है जबकि अपने यहां 34 रुपये है. महंगाई का कारण यह है कि हम किसानों के गन्ना का उची किमत देना चाहते हैं. ताकि उन्हें खेती में घाटा न हो. इसके लिए किसानों को अब नई तकनीक अपनानी होगी. इसके तहत चीनी से डिटरजेंट पाउडर, हेयर वास, फेस क्रीम बनाकर अच्छी कमाई की जा सकती है.

मुंबई में इस तरह के काम हो रहे हैं, जो यहां भी हो सकता है. प्लास्टिक से मुक्ति के लिए इथनॉल से बायोप्लास्टीक भी बनेगा जो दो तीन दिनों में मिट्टी बन जायेगी. केंद्र सरकार इथनॉल उत्पादन के लिए इथनॉल प्रोजेक्ट लगाने की योजना बना रही है जो शीघ्र धरातल पर उतरेगा.

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