रक्सौल : आंधी से तबाह हो चुके बारा व पर्सा जिला के गांवों में राहत सामग्री के पहुंचने का काम शुरू हो गया है. प्रभावित इलाकों में विभिन्न संगठनों द्वारा खाना बनवाया जा रहा है और गांव के प्रभावित लोगों को भोजन कराया जा रहा है. लेकिन जहां करीब 15 सौ अधिक घर पूरी तरह से बर्बाद हो चुके हैं. इन घरों में रहनेवाले हजारों लोगों के सामने रहने की समस्या है. दो दिनों से लोग खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर है.
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26 किलोमीटर में था तूफान का कहर
रक्सौल : आंधी से तबाह हो चुके बारा व पर्सा जिला के गांवों में राहत सामग्री के पहुंचने का काम शुरू हो गया है. प्रभावित इलाकों में विभिन्न संगठनों द्वारा खाना बनवाया जा रहा है और गांव के प्रभावित लोगों को भोजन कराया जा रहा है. लेकिन जहां करीब 15 सौ अधिक घर पूरी तरह […]
गांव से जो तस्वीरें सामने आ रही है, वह परेशान करने वाली है. खाने का पर्याप्त प्रबंध तो हो गया है लेकिन सोने की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण गर्भवती महिला, नवजात बच्चे, बुजुर्ग सबसे अधिक परेशान है. स्थानीय लोगों ने बताया कि बच्चों को जमीन पर जैसे-तैसे त्रिपाल बिछाकर सुलाया गया है.
गांव में अपने तीन बच्चो के साथ बैठकर रात बिता रही, 29 वर्षीय शोभनी देवी का घर टूट गया है. तीन छोटे-छोटे बच्चे को लेकर बैठी शोभनी देवी ने बताया कि हमारी आंखों से तो नींद चली गयी है. लेकिन अनजान बच्चों को शाम होने के साथ ही सोने की चिंता सता रही है. जैसे-तैसे बच्चो को जमीन पर सुला दिये है और हमलोग बैठक कर रात बीता रहे है. घटना के बाद गांव में पहुंचने वाले लोग दिन भर रहे लेकिन शाम होते होते गांव में फिर से मातमी सन्नाटा देखने को मिल रहा था. ग्रामीणों का कहना था कि त्रिपाल का व्यवस्थित वितरण नहीं होने के कारण सभी प्रभावित लोगों अधिकांश लोगों को सोमवार की रात त्रिपाल भी नहीं मिल पायी थी. गांव में अधिकांश लोग दो दिनो से नहीं सो पाये हैं, जिनकी व्यथा काफी दर्दनाक है. गांव में सबसे अधिक परेशानी, रात में रहने की है.
बताया जाता है कि आंधी का चक्र करीब 26 किलोमीटर के भौतिक क्षेत्र में फैला था. आंधी के रास्ते में आये सभी घर को क्षति पहुंची है. मौसम विभाग ने बताया कि एक मिनट के अंदर ही आंधी ने इस प्रकार का नुकसान किया है. आंधी प्रभावित इलाकों में हैंडपंप भी खराब हो गये हैं, जिसके कारण गांव में शुद्ध पेयजल की भी समस्या है.
इधर, रविवार की रात नेपाल के पर्सा व बारा जिला में आयी तेज आंधी में 1502 घरों को नुकसान पहुंचा है. महज बारा जिला में केवल 1502 घरों को आंधी के कारण नुकसान हुआ है. नेपाल रेडक्रॉस सोसायटी पर्सा द्वारा सर्वे के बाद उक्त रिपोर्ट सार्वजनिक की गयी है. रेडक्रॉस बारा के अधिकृत उदय नेपाल ने बताया कि अभी भी टीम काम कर रही है और भौतिक क्षति का आंकड़ा बढ़ सकता है. उन्होंने बताया कि इस आकलन के साथ हमारी पहली प्राथमिकता यह है कि पीड़ित परिवार तक खाद्य राहत सामग्री पहुंचायी जाए.
इधर, बारा जिला के डीएम राजेश पौडेल ने बताया कि रेडक्रॉस के द्वारा अध्ययन किया गया है. हमलोग अपने स्तर से भी जांच कर रहे हैं. यहां बता दे कि बारा जिला के फेटा गांवपालिका अंतर्गत भलुही भरवलिया में अधिक क्षति हुई है. फेटा के ही गाछी टोला व पुरैनिया टोला में मानवीय व भौतिक क्षति सबसे अधिक हुई है.
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