महिला अल्पावास और बाल गृहकांड की जांच करने पहुंची सीबीआई
मोतिहारी : महिला अल्पावास व बालगृह कांड की सीबीआई ने जांच तेज कर दी है. सीबीआई की आठ सदस्यीय टीम शुक्रवार को मोतिहारी पहुंची. छतौनी के छोटाबरियापुर स्थित बालगृह पहुंच कर करीब एक घंटे तक जांच-पड़ताल की. उसके बाद रघुनाथपुर स्थित महिला अल्पावास गृह पहुंच उससे जुड़ी तमाम फाइलों की जांच की. दोनों मामले का […]
मोतिहारी : महिला अल्पावास व बालगृह कांड की सीबीआई ने जांच तेज कर दी है. सीबीआई की आठ सदस्यीय टीम शुक्रवार को मोतिहारी पहुंची. छतौनी के छोटाबरियापुर स्थित बालगृह पहुंच कर करीब एक घंटे तक जांच-पड़ताल की. उसके बाद रघुनाथपुर स्थित महिला अल्पावास गृह पहुंच उससे जुड़ी तमाम फाइलों की जांच की. दोनों मामले का अनुसंधान सीबीआई कर रही है.
महिला अल्पावास गृह की पुनर्वास पदाधिकारी रही बबीता श्रीवास्तव से सीबीआई ने पूछताछ की. उनके कार्यकाल में अल्पावास गृह में कितनी महिलाएं थी, उनका नाम व पता के साथ उनके परिजनों का मोबाइल नंबर नोट किया. वहीं कर्मियों के संबंध में पूछताछ कर पूरा प्रोफाइल तैयार किया. इससे पहले सीबीआई की टीम बाल गृह पहुंच बिल्डिंग की फोटोग्राफी की. चौहद्दी के साथ उसका नक्शा तैयार किया. बालगृह निर्देश संस्था की देखरेख में था. उसके कार्यक्रम पदाधिकारी मधु से सीबीआई की टीम ने पूछताछ की.
कर्मियों का नाम-पता व मोबाइल नंबर भी उनसे लिया. मकान मालिक से भी कई बिंदुओं पर जानकारी ली. बच्चों के रहनेवाले कमरे का जायजा लिया. सीबीआई की टीम अपनी जांच रिपोर्ट न्यायालय को सौंपेगी. बताते चले कि मुंबई की टीस संस्था ने अल्पावास व बाल गृह का जायजा लिया था. उसमे रहने वाले बच्चे व महिलाओं ने पूछताछ के दौरान कर्मियों पर कई गंभीर आरोप लगाये थे. बच्चे शारीरिक शोषण व महिलाओं ने प्रताड़ना का आरोप लगाया था.
टीस की रिपोर्ट के आधार पर जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी सुधीर कुमार गौड़ ने छतौनी थाना तथा डीपीओ आइसीडीएस प्रतिमा कुमारी गिरि ने रघुनाथपुर ओपी में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. छतौनी पुलिस ने हाउस फादर श्यामबाबू प्रसाद को न्यायिक हिरासत में भेजा था. सीबीआई के एसपी नागेंद्र प्रसाद के नेतृत्व में टीम आयी थी. उनके साथ डीएसपी अजय कुमार, दारोगा राजेश कुमार सहित अन्य शामिल थे.
कोर्ट में बच्चों ने शारीरिक शोषण से किया था इंकार
छतौनी पुलिस ने 14 बच्चों का कोर्ट में बयान दर्ज कराया था. बच्चों ने टीस की रिपोर्ट को सीरे से खारिज कर दिया था. सभी बच्चों ने कोर्ट में बयान दिया था कि उनके साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं हुआ था.