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संजीव बने केविवि मोतिहारी के वीसी

मोतिहारी : केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को तीन विश्वविद्यालों के कुलपति नियुक्त किये. इन नियुक्तियों से पहले चुनाव आयोग ने इसके लिए मंजूरी दी. ये तीन विश्वविद्यालय जामिया मिल्लिया इस्लामिया, महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी और महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा हैं. मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नजमा […]

मोतिहारी : केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को तीन विश्वविद्यालों के कुलपति नियुक्त किये. इन नियुक्तियों से पहले चुनाव आयोग ने इसके लिए मंजूरी दी. ये तीन विश्वविद्यालय जामिया मिल्लिया इस्लामिया, महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी और महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा हैं.
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नजमा अख्तर को जामिया में कुलपति नियुक्त किया गया है जबकि संजीव शर्मा और रजनीश कुमार शुक्ला के नामों को मोतिहारी केंद्रीय विश्वविद्यालय और वर्धा महात्मा गांधी विश्वविद्यालय के शीर्ष पद के लिए मंजूरी दी गयी है. वैसे ऐसे वक्त में किसी नियुक्ति की इजाजत नहीं होती है, लेकिन मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने यह दलील देते हुए चुनाव आयोग से अनुमति मांगी थी कि आदर्श आचार संहिता के लागू होने से पहले ही चयन प्रक्रिया पूरी कर ली गयी थी.
जामिया और मोतिहारी विश्वविद्यालय में ये शीर्ष पद तब से खाली थे जब उनके कुलपति क्रमश: वित्तीय और प्रशासनिक अनियमितताओं तथा शैक्षणिक योग्यता के बारे में गलत जानकारी देने के आरोपों से घिर गये थे.
जामिया मिल्लिया इस्लामिया की पहली महिला कुलपति बनने जा रहीं अख्तर तलत अहमद का स्थान लेंगी. तलत अहमद ने कश्मीर विश्वविद्यालय के प्रमुख का पदभार ग्रहण करने के लिए पिछले साल जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कुलपति पद से इस्तीफा दे दिया था. वैसे राष्ट्रपति ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय की सलाह पर अहमद के खिलाफ विजिटर द्वारा जांच का आदेश दिया था. लेकिन जांच में उनके खिलाफ लगे आरोपों में कुछ नहीं मिलने के बाद उसे बंद कर दिया गया.
मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्विवद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष शर्मा अरविंद कुमार अग्रवाल की जगह लेंगे जिन्होंने शैक्षणिक योग्यता में गलत जानकारी देने के आरोप को लेकर मोतिहारी केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति के पद से पिछले साल अक्टूबर में इस्तीफा दे दिया था. मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उनका इस्तीफा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेजा था, जिन्होंने इसे मंजूर कर लिया. उसके बाद वह धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय में अपने मूल विभाग से जुड़ गये.
मंत्रालय को शिकायत मिली थी कि अग्रवाल ने कुलपति पद के लिए एक विदेशी संस्थान से अपनी शिक्षा के बारे में झूठ बोला. शुक्ला भारतीय दर्शनशास्त्र अनुसंधान परिषद के सदस्य सचिव हैं. वह संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में तुलनात्मक दर्शनशास्त्र एवं धर्म के प्रोफेसर थे. शुक्ला से पहले मशहूर अकादमिक विद्वान गिरीश्वर मिश्रा वर्धा विश्वविद्यालय के कुलपति थे.

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