शब-ए-बरात आज, तैयारी पूरी
पुरखों के कब्र पर फातेहा पढ़ेंगे लोग गुनाहों की माफी के लिए मांगेंगे दुआ मोतिहारी : शब-ए-बरात शनिवार को है. इसकी तैयारी पूरी कर ली गयी है. कब्रिस्तानों की साफ-सफाई व रौशनी की व्यवस्था की गयी है और उसे बेहतर ढंग से सजाया जा रहा है. शब-ए-बरात के दिन मुस्लिम समुदाय के लोग गुनाहों की […]
पुरखों के कब्र पर फातेहा पढ़ेंगे लोग
गुनाहों की माफी के लिए मांगेंगे दुआ
मोतिहारी : शब-ए-बरात शनिवार को है. इसकी तैयारी पूरी कर ली गयी है. कब्रिस्तानों की साफ-सफाई व रौशनी की व्यवस्था की गयी है और उसे बेहतर ढंग से सजाया जा रहा है.
शब-ए-बरात के दिन मुस्लिम समुदाय के लोग गुनाहों की माफी मांगने के साथ-साथ अपने पुरखों के कब्रों पर जाकर फातेहा पढ़ेंगे. शब-ए-बरात दो शब्दों, शब और बरात से मिलकर बना है, जहां शब का अर्थ रात होता है.
वहीं, बरात का मतलब बरी होना होता है. इस्लामी कैलेंडर के अनुसार यह रात साल में एक बार शाबान महीने की 14 तारीख को सूर्यास्त के बाद शुरू होती है. शनिवार की रात लोग जहां मस्जिदों व अपने घरों में इबादत करेंगे व कुरआन की तिलावत करेंगे. वहीं कब्रिस्तानों में जाकर अपने पुरखों की मगफिरत के लिए दुआएं भी करेंगे.
शहर में स्थित सदर कब्रिस्तान के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में लाइट की व्यवस्था की गयी है. इस रात की इबादत हजारों साल की इबादत से बेहतर होती है और दुआएं कबूल होती है. बलुआ मस्जिद के पूर्व इमाम मौलाना मो. जैनुद्दीन खां ने बताया कि इस रात अल्लाह अपने बंदों के लिए रहमतों की बारिश करता है. मांगी गयी सभी दुआएं कबूल होती है.