देश व समाज की सलामती के लिए मांगी दुआ

मस्जिदों में अदा की गयी दूसरे जुमे की नमाज अजान होते ही मस्जिदों की ओर चल दिये लोग मोतिहारी : रमजान के दूसरे जुमे की नमाज शुक्रवार को जिले भर के मस्जिदों में अता की गयी और देश व समाज की खुशहाली के लिए दुआएं मांगीं गयीं. रमजान के फजिलत पर उलेमाओं ने विस्तार से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 18, 2019 1:17 AM

मस्जिदों में अदा की गयी दूसरे जुमे की नमाज

अजान होते ही मस्जिदों की ओर चल दिये लोग
मोतिहारी : रमजान के दूसरे जुमे की नमाज शुक्रवार को जिले भर के मस्जिदों में अता की गयी और देश व समाज की खुशहाली के लिए दुआएं मांगीं गयीं. रमजान के फजिलत पर उलेमाओं ने विस्तार से चर्चा की और उसका फायदा उठाने की नसीहत दी. शहर के जामा मस्जिद में इमाम कारी जलालुद्दीन काशमी ने नमाज अता करायी और रमजान माह का एहतराम करने में किसी तरह का कसर नहीं छोड़ने की अपील की. कहा कि यह महीना रहमतों, बरकतों व मगफिरतों का महीना है.
पहला अशरा रहमतों का समाप्त हो गया और हम दूसरे अशरे में प्रवेश कर गये हैं. दूसरे अशरे की विशेषता की जानकारी दी और कहा कि मगफिरोतों का यह अशरा है. रमजान का पहला अशरा समाप्त, दूसरा मगफिरत का शुरू हो गया. दस दिनों का यह अशरा गुनाहों से माफी का है. अल्लाह के बंदों को चाहिए कि वह अपने गुनाहों, गलतियों के लिए खुदा कि बारगाह में हाथ फैलाकर माफी मांगें और अल्लाह की रहमत के लिए आंसू बहाएं. अशरे में मांगीं गयीं दुआएं अल्लह के दरबार में अधिक पसंद की जाती है.
महीने में एक नफिल का सवाब फर्ज के बराबर और फर्ज का सवाब 70 गुणा कर दिया जाता है. इसी तरह से जिले भर के मस्जिदों में लोगों ने दूसरे जुम्में की नमाज अता की. निर्धारित समय पर जैसे अजान मस्जिदों से हुई लोग अपने-अपने घरों से वजू कर नमाज की तैयारी में लग गये. मस्जिद पहुंच पहले सुन्नत की नमाज अता की. फिर इमाम ने फर्ज की दो रेकाअत नमाज अता करायी.

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