Loading election data...

बागमती-लालबकेया में उफान, शिवहर से संपर्क टूटा, धारा-144 लागू, अफसरों की छुट्टियां रद, तटबंधों की निगरानी का निर्देश

मुजफ्फरपुर : नेपाल से निकलनेवाली नदियों में बढ़ते जलस्तर के कारण कई इलाकों में बाढ़ का पानी फैलने लगा है. पूर्वी चंपारण से होकर गुजरनेवाली करीब आठ नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. बागमती एवं लालबकेया का पानी मोतिहारी, ढाका, शिवहर पथ के देवापुर से बेलवा तक सड़क पर चढ़ गया. इस कारण वाहनों का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 12, 2019 11:50 AM

मुजफ्फरपुर : नेपाल से निकलनेवाली नदियों में बढ़ते जलस्तर के कारण कई इलाकों में बाढ़ का पानी फैलने लगा है. पूर्वी चंपारण से होकर गुजरनेवाली करीब आठ नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. बागमती एवं लालबकेया का पानी मोतिहारी, ढाका, शिवहर पथ के देवापुर से बेलवा तक सड़क पर चढ़ गया. इस कारण वाहनों का परिचालन बंद हो गया है. शिवहर का संपर्क पूर्वी चंपारण से टूट गया है. देवापुर से बेलवा तक दो किलोमीटर में अधूरी कच्ची सड़क पर दो से चार फुट पानी बह रहा है. दोनों नदियों के बाढ़ का पानी इस क्षेत्र से निकल कर पताही प्रखंड के देवापुर एवं जिहुली गांव की ओर जा रहा है. देवापुर घाट पर चौकीदार को निगरानी के लिए प्रतिनियुक्त कर दिया गया है.

लालबकेया नदी के गुआबारी घाट व फुलवरियाघाट पर दंडाधिकारी की तैनाती कर धारा-144 लागू कर दी गयी है. इधर, सिकराहना, बूढी गंडक, तिरवाह गंडक पसाह, तिलावे, बंगरी नदियों का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है. विभाग का अनुमान है कि बारिश की स्थिति यही रही तो ये नदियां भी शुक्रवार की शाम तक उफना जायेंगी. जिलाधिकारी रमन कुमार ने संभावित बाढ़ को देखते हुए अधिकारियों को अलर्ट कर दिया है. उनकी छुट्टियां भी रद्द कर दी है. किसी भी हालत में मुख्यालय नहीं छोड़ने का आदेश दिया है.

तटबंधों की बढ़ायी गयी सुरक्षा

इधर, संभावित बाढ़ और बारिश को देखते हुए तटबंधों की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. संवेदनशील स्थलों जहां पानी की धारा दबाव बनता है, वहां विशेष नजर रखी जा रही है. सिकरहना तटबंध प्रमंडल मोतिहारी के अधीन बूढ़ी गंडक दाया तटबंध-0-52 किलोमीटर संवेदनशील माना गया है. वहीं, मोतिहारी, सिकरहना बांया तटबंध को चिह्नित किया गया है.

रेल पुल के समीप लगायी गयी धारा-144

रेल पुल से नदी पार करने के दौरान हुए हादसे के बाद एसडीओ ज्ञान प्रकाश ने गुआबारी ऑफिस घाट रेल पुल के सौ मीटर की परिधि में धारा-144 लागू कर दिया गया है. एसडीओ ने बताया कि यमुआ घाट पुल होकर यातायात बहाल करने का प्रयास किया जा रहा है. पुल के एप्रोच रोड को मोटरेबुल बनाने के लिए आरडब्ल्यूडी विभाग को बोला गया है कि ईंट वगैरह गिरा कर सड़क मार्ग चालू कराएं.

गंडक बराज से छोड़ा गया 85000 क्यूसेक पानी

वाल्मीकिनगर (पश्चिमी चंपारण) : पिछले शुक्रवार से ही नेपाल के पोखरा नारायण घाट आदि क्षेत्रों में लगातार बारिश हो रही है. नेपाल के पोखरा रजाइया नारायण घाट क्षेत्र में लगातार बारिश दर्ज की जा रही है. इससे गंडक बराज के जलस्तर के बढ़ने की संभावना लगातार बनी हुई है. गुरुवार गंडक बराज से 85000 क्यूसेक पानी छोड़ा छोड़ा गया. अनुमान लगाया जा रहा है कि शुक्रवार की सुबह तक गंडक बराज का जलस्तर 1.5 लाख क्यूसेक पहुंच सकता है.

तटबंधों की 24 घंटे निगरानी का निर्देश

मुख्य अभियंता बाढ़ नियंत्रण एवं जल निस्तारण जल संसाधन विभाग मुजफ्फरपुर के पत्रांक 1604 दिनांक 11 जुलाई, 2019 द्वारा सभी कार्यपालक अभियंता, सभी अधीक्षण अभियंता परिक्षेत्राधीन के अलावा अध्यक्ष बार संघर्षात्मक बॉल मोतिहारी और मुजफ्फरपुर अधीक्षण अभियंता बाढ़ नियंत्रण योजना एवं मॉनिटरिंग जल संसाधन विभाग पटना को निर्देशित करते हुए कहा गया है कि विगत दो तीन दिनों से हो रही वर्षा के कारण परिक्षेत्राधीन नदियों के जलस्तर में तीव्र गति से वृद्धि हो रही है. उक्त संबंध में यह निर्देश दिया जाता है कि कार्यपालक अभियंता अपने-अपने सहायक अभियंता एवं कनीय अभियंता के साथ तटबंधों की 24 घंटे तक चौकसी एवं निगरानी सुनिश्चित करें. इसके अलावा प्रमंडलाधीन मोबाइल, एंबुलेन्स के रूप में रखे गये ट्रैक्टर, जेनेरेटर मजदूर एवं आवश्यक सामग्रियों के साथ 24 घंटे तैयारी अवस्था में रखा जाये एवं सूचीबद्ध ठेकेदार से भी संपर्क में रहकर तटबंध को हर हाल में सुरक्षित रखा जाये.

Next Article

Exit mobile version