चार माह में मात्र 444 का ही बना आशियाना

संचिकाओं से बाहर नहीं निकल रही योजना मोतिहारी : गरीबों को समय पर आशियाना मुहैया कराने के लिए सरकार भले ही कई अहम योजनाएं तैयार करती है और उसे समय पर धरातल पर उतारने के लिए मास्टर प्लान बनाती है. लेकिन उसका अनुपालन कितना होता है और अधिकारी कितनी गंभीरता से इसे लेते हैं, पूर्वी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 5, 2019 12:35 AM

संचिकाओं से बाहर नहीं निकल रही योजना

मोतिहारी : गरीबों को समय पर आशियाना मुहैया कराने के लिए सरकार भले ही कई अहम योजनाएं तैयार करती है और उसे समय पर धरातल पर उतारने के लिए मास्टर प्लान बनाती है. लेकिन उसका अनुपालन कितना होता है और अधिकारी कितनी गंभीरता से इसे लेते हैं, पूर्वी चंपारण जिले में आवास योजना की हालत को देख सहज अनुमान लगाया जा सकता है. हालत यह है कि चार माह बीतने के बाद भी योजना संचिकाओं से बाहर नहीं निकल रही है और वरीय अधिकारियों का निर्देश बेअसर साबित हो रहा है.
छह माह में मात्र 444 गरीबों का ही आशियाना बन पाया है, जबकि शेष प्रक्रियाधीन है. जानकारी के अनुसार, 2019-20 में जिले में 46291 आवास बनाने का लक्ष्य मुख्यालय द्वारा निर्धारित किया गया है, जिसके विरुद्ध 32171 की स्वीकृति प्रदान की गयी है.
इसमें प्रथम किस्त की राशि 21809 लाभुकों के खाते में भेजी गयी है. वहीं द्वितीय किस्त की राशि 2163 व तृतीय किस्त की राशि 372 लाभुकों के खाते में गयी है. राशि भुगतान की धीमी गति के कारण घर तैयार होने में विलंब होने की बात जानकार बताते हैं और कहते हैं कि अधिकारियों की उदासीनता के कारण इस तरह की परेशानी हो रही है.
जिप अध्यक्ष ने भी दिया था कार्रवाई का निर्देश : पिछले माह आवास योजना की समीक्षा बैठक में जिला परिषद अध्यक्ष प्रियंका जायसवाल ने बदतर स्थिति पर कड़ी नाराजगी जतायी थी और लापरवाह प्रखंड विकास पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. प्रथम व द्वितीय किस्त की राशि भुगतान की धीमी प्रक्रिया पर भी नाराजगी जतायी थी.

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