मोतिहारी : नालंदा के कलाकारों द्वारा सैंया मिले लरकइयां मैं का करू… गीत की प्रस्तुति पर दर्शक झूम उठे. मौका था कला संस्कृति एवं युवा विभाग व जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को जिला स्कूल के मैदान में आयोजित तीन दिवसीय राज्यस्तरीय युवा महोत्सव का.
ग्रामीण परिवेश में होने वाले बाल विवाह की शानदार झांकी इस गीत में मिली. दूसरे दिन मधुबनी के हरिशंकर संगीत महाविद्यालय के कलाकारों ने समूह लोकगीत ‘चैत हे सखी फुलल बेली, कांवा देखे निकसत कुंज निवार यौं’ श्रोताओं के दिल पर कब्जा जमाने में कामयाब रही. लखीसराय के कलाकार ‘अमरैया के तीर गोरी आजावे ना, मंगल बाजार कुटनी के’ दर्शकों का मन मोह लिया.
इस तरह से एक से बढ़कर एक शानदार प्रस्तुतियां होती रही और दर्शक आनंद के सागर में गोता लगाते रहे. मधुबनी के कलाकारों ने लोक गाथा, मोतिहारी के एकल गीत, पूर्णिया के एकल लोकगीत की प्रस्तुति रही. संचालन डॉ प्रो. अरुण कुमार ने किया.
इन जिलों की रही सहभागिता
मोतिहारी, मधुबनी, मोतिहारी, पूर्णिया, नालंदा, भागलपुर, कटिहार, रोहतास, गया, गोपालगंज, लखीसराय, औरंगाबाद, अररिया, अरवल, किशनगंज व बक्सर आदि जिलों को सहभागिता रही. कलाकार तय कार्यक्रम के अनुसार स्टेज पर आते रहे और अपना प्रदर्शन करते रहे.
ये थे निर्णायक की भूमिका में
अंशुला कुमारी- लोक नृत्य, प्रसाद रत्नेश्वर-एकांकी नाटक, मनोरंजन ओझा-लोक गाथा, डॉ नीतू कुमारी नूतन-लोक गायन, डॉ रीतू राज-लोक नृत्य, वंदना सिन्हा-लोक गीत, संजय पांडेय-तबला, राजकुमार -चित्रकला व धनुषधारी कुशवाहा-एकांकी.
सुरक्षा के थे कड़े बंदोबस्त
कार्यक्रम को ले सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये गये हैं. स्थल से लेकर जिला स्कूल के मुख्य द्वार तक सुरक्षा के जवान तैनात थे. महिला सुरक्षा कर्मियों की भी मुस्तैदी रही. कलाकारों के लिए शहर के मंगल सेमीनरी, एमजेके इंटर कालेज आदि स्कूलों में आवासन की व्यवस्था की गयी है.