मोतिहारी : सदर अस्पताल की हालत दिनानुदिन बेपटरी होती जा रही है. आजीज होकर लोग हंगामा करने पर आमदा हो जाते हैं. अस्पताल में तोड़-फोड़ होती है. चिकित्सकों के साथ दुर्व्यवहार भी किया जाता है.
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सदर अस्पताल में तड़पते रहे घायल
मोतिहारी : सदर अस्पताल की हालत दिनानुदिन बेपटरी होती जा रही है. आजीज होकर लोग हंगामा करने पर आमदा हो जाते हैं. अस्पताल में तोड़-फोड़ होती है. चिकित्सकों के साथ दुर्व्यवहार भी किया जाता है. बावजूद इस दिशा में अस्पताल प्रबंधन की ओर से कोई ठोस पहल नहीं की जाती है. लोग स्वास्थ्य जांच कराने […]
बावजूद इस दिशा में अस्पताल प्रबंधन की ओर से कोई ठोस पहल नहीं की जाती है. लोग स्वास्थ्य जांच कराने तो आते हैं. लेकिन उन्हें यह पता नहीं होता है कि जांच होगी भी की नहीं. ऐसा नहीं है कि संसाधनों की कमी है.
इसका ताजा उदाहरण रविवार रात कोटवा-मोतिहारी बाइपास पर बुलेट बाइक पर सवार तीन व्यक्ति सड़क हादसे में घायल हो गये. इसमें एक व्यक्ति की मौके पर मौत हो गयी. दो अन्य पंकज शर्मा व विजन भगत पिपरा के विशुनपुर टोला हरनारायणा को अस्पताल लाया गया. करीब आठ बजे के बाद डाॅ अवधेश कुमार की ड्यूटी समाप्त हो गयी.
उसके बाद डाॅ शिवशंकर शास्त्री की ड्यूटी शुरू हुई. इसी बीच दोनों घायल पहुंचे. उस समय इमरजेंसी में न तो कोई कर्मचारी था न चिकित्सक. अस्पताल में शराब के नशे में इधर-उधर भटकनेवाला उक्त व्यक्ति को उतार कर इमरजेंसी में लाया. चिकित्सक के टेबल पर रख का ईलाज किया, उसकेबाद वार्ड में ले गया. लगभग आधे घंटे के बाद चिकित्सक पहुंचे. बाद में लोगों ने उन दोनों घायलों को दूसरे निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया.
बताया जाता है कि ड्यूटी के समाप्त होने तथा दूसरे चिकित्सक के आने के बीच आधा घंटा समय लग जाता है. ऐसे में कई मरीज दम तोड़ देते हैं. होना यह चाहिए कि जैसे ही चिकित्सक की ड्यूटी खत्म हो दूसरे चिकित्सक पहुंच जाना चाहिए.
इधर, डॉ शिवशंकर शास्त्री ने कहा कि घर से पैदल आने में थोड़ी लेट हो गयी थी.वहीं, अस्पताल अधीक्षक डॉ मनोज कुमार ने कहा कि यह चिकित्सकों की लापरवाही है. मामले की जांच कर कार्रवाई की जायेगी.
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