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नेपाल में जिंदा, भारत में मृत

।। अजीत कुमार सिंह ।। रक्सौल : हमारी पुलिसिया जांच कैसे चलती है इसकी बानगी है भूलन प्रकरण. भूलन नेपाल की जेल में बंद है, लेकिन पुलिस ने अपनी जांच में उसकी हत्या की बात साबित कर दी है. मामला आदापुर थाना क्षेत्र के धबधबवा निवासी भूलन साह का है. वह वर्तमान में नेपाल के […]

।। अजीत कुमार सिंह ।।
रक्सौल : हमारी पुलिसिया जांच कैसे चलती है इसकी बानगी है भूलन प्रकरण. भूलन नेपाल की जेल में बंद है, लेकिन पुलिस ने अपनी जांच में उसकी हत्या की बात साबित कर दी है.

मामला आदापुर थाना क्षेत्र के धबधबवा निवासी भूलन साह का है. वह वर्तमान में नेपाल के काठमांडो जेल में अपनी सजा काट रहा है. जबकि यहां भारत में उसकी हत्या के आरोप में एक व्यक्ति अभी-अभी बेल पर छूटा है तो गिरिजा देवी नामक महिला अब भी जेल में है. इस मामले में जेल में बंद गिरजा देवी के पुत्र प्रमोद साह की लगातार कोशिशों के बाद नेपाल के गृह मंत्रालय ने जांचोपरांत एक रिर्पोट दी है, जिसमें कहा गया है कि धबधबवा निवासी मोहन साह के पुत्र भूलन साह काठमांडू जेल में बंद हैं.

* क्षत-विक्षत लाश को बताया था भूलन
14 अप्रैल 2012 को रक्सौल थाना क्षेत्र के जोकियारी सरेह में एक युवक का क्षतविक्षत शव पुलिस को मिला. इसके बाद आदापुर के धबधबवा निवासी मोहन साह ने खुद का पुत्र कहते हुए गांव के रसूल देवान व गिरिजा देवी पर हत्या का मामला दर्ज किया.

इधर, भूलन साह को नेपाल पुलिस ने काठमांडो में मादक पदार्थ के साथ पाये जाने पर गिरफ्तार कर जेल भेजा. उसे 12 साल की सजा हो चुकी है. भूलन साह ने गिरफ्तारी के समय खुद का नाम युजोधन साह बताया था. उसने जिला व पिता का नाम भी सही नहीं बताया था, जबकि थाना का नाम आदापुर के बदले शेषपुर लिखा गया था. हत्या आरोपी गिरीजा देवी के पुत्र प्रमोद ने उसकी गिरफ्तारी के कागजात पुलिस को दिया था, लेकिन पुलिस ने तब मानने से इनकार कर दिया था.

* तसवीर लगा लिखा आवेदन
बाद में उसने एसपी के सुझाव पर भूलन की तसवीर लगा कर एक आवेदन लिखा. मुखिया संगीता देवी, सरपंच अजीत कुमार, पंसस शफी अहमद आदि ने उसे सत्यापित किया. इसके बाद प्रमोद ने नेपाल के गृह मंत्रालय में आवेदन दिया. मामले की जांच की जिम्मेवारी नेपाल क्षेत्रिय कारागार के कार्यालय भूम्का काठमांडो के जेलर गणेश अधिकारी को मिली.

गणेश अधिकारी ने अपने पत्रंक 2932 में पाया है कि जेल में बंद युजोधन साह, भूलन साह है. वह आदापुर थाना क्षेत्र के धबधबवा निवासी मोहन साह का पुत्र है. जेलर ने जांच रिर्पोट के साथ-साथ एक आवेदन भी लगाया गया है. जो जेल में बंद भूलन साह की तरफ से जिसमें उसने स्वीकारा है कि वह भूलन है. साथ ही उसने कहा है कि जेल से वह अपने परिजनों से बात करता था. परिजनों को पता है कि वह जेल में बंद है.

वर्त्तमान आईओ बी के सिंह का कहना है कि मुझे जानकारी मिली है कि भूलन जेल में बंद है. एक दिन धबधबवा जाकर जांच किया हूं. एसपी साहब का निर्देश मिला है लेकिन नेपाल जेल की रिर्पोट नहीं मिली है. वहीं एसडीपीओ जितेन्द्र पांडेय का कहना है कि मामले की जांच पुन: शुरू कर दी गयी है.

* पुलिस जांच में साबित हुआ है हत्या का मामला
* आदापुर पुलिस का कारनामा
* रसूल देवान बेल पर, जबकि गिरिजा देवी जेल में
* 14 अप्रैल 2012 की है घटना
* भूलन के पिता मोहन साह ने ग्रामीणों को फंसाया
* भूलन मादक पदार्थ के साथ नेपाल के काठमांडो में हुआ था गिरफ्तार
* नेपाल के गृह मंत्रालय की जांच से हुआ खुलासा

* हत्या मान कर ही होती रही जांच
भूलन के मौत की प्राथमिकी रक्सौल थाने के फाइल में (81/12) दर्ज है. इस कांड का प्रवेक्षण हो चुका है. प्रवेक्षण रिर्पोट में हत्या की घटना को सत्य पाया गया. कांड के आइओ भी हत्या का मामला सही पाते हुए डायरी लिखते रहे. भूलन की हत्या की सत्यता पर सवाल उठाते हुए प्रभात खबर ने जुलाई में खबर प्रकाशित की थी. बावजूद पुलिस की जांच सही दिशा में नहीं शुरू हुई. गिरीजा देवी के पुत्र ने भी पुलिस को कई आवेदन दिये, लेकिन सुनवाई नहीं हुई. अंत में प्रमोद नये पुलिस कप्तान विनय कुमार से मिला और अपनी बात रखी. उन्होंने कई सुझाव दिये, जिसपर काम करने के बाद साबित हुआ कि भूलन जिंदा है.

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