मनरेगा में गड़बड़ी का जिन्न निकलने लगा बाहर

मोतिहारी : मनरेगा की जांच से योजनाओं में गड़बड़ी का जिन्न बाहर निकलने लगा है. अबतक जो तथ्य सामने आया है, उससे यही कहा जा सकता है कि पौधारोपण में व्यापक गड़बड़ी हुई है. चंद ही ऐसे पंचायत है जहां सब कुछ ठीक ठाक मिला है. शनिवार को 29 पंचायतों की कार्रवाई सामने आयी, जिसमें […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:52 PM

मोतिहारी : मनरेगा की जांच से योजनाओं में गड़बड़ी का जिन्न बाहर निकलने लगा है. अबतक जो तथ्य सामने आया है, उससे यही कहा जा सकता है कि पौधारोपण में व्यापक गड़बड़ी हुई है. चंद ही ऐसे पंचायत है जहां सब कुछ ठीक ठाक मिला है.

शनिवार को 29 पंचायतों की कार्रवाई सामने आयी, जिसमें 24 पंचायतों मं गड़बड़ी मिली है. यानी मात्र 17.3 प्रतिशत पंचायतों की स्थिति ठीक है. जबकि 83 प्रतिशत पंचायतों में गड़बड़ी मिली है. जिन पंचायतों में कार्रवाई हुई है, उसमें सभी रक्सौल अनुमंडल के हैं. अब प्रश्न यह उठता है कि आखिर जांच में ही ये तथ्य क्यों सामने आये.

वहां के पीओ और पीआरएस स्वयं जांच कर इसकी जानकारी पदाधिकारी को क्यों नहीं दी थी. सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि उन लोगों ने पूरी राशि का डिमांड किया था. यानी मृत पौधों पर भी भुगतान. यदि डीएम के स्तर से जांच नहीं होती तो उनके डिमांड के अनुरुप ही भुगतान होता. इससे करोड़ों का बंदरबांट होता.

अब जब मामला सामने आया है, तो वसूली का आदेश डीएम विनय कुमार ने दिया है. लेकिन इसके लिए जिम्मेदार पदाधिकारी व कर्मी भी चिह्न्ति होने चाहिए. जिन्होंने तथ्य को छिपाया. यदि वे अपने स्तर से डिमांड करने के पूर्व सही सही जानकारी पदाधिकारी को दी होती तो शायद इतने बड़े जांच की जरूरत नहीं होती. इसमें समय व संसाधन दोनों की क्षति हुई है.

जिन पंचायतों पर कार्रवाई हुई है, उसमें कई ऐसे हैं, जहां लायबिलिटी से मोटी रकम वसूली जा रही है. वहां के पौधरोपण का हाल बताने के लिए नाकाफी है. आदापुर के पोखरिया पंचायत की लायबिलिटी 1 लाख 53 हजार 360 रुपये है, जबकि वसूली की राशि 1 लाख 36 हजार 400 है. यानी यहां 80 प्रतिशत राशि वसूला जायेगा.

जबकि रामगढ़वा के आमोदेयी पंचायत की लैबलिटि 17 लाख 57 हजार 376 रुपये में 7 लाख 43 हजार 865 रुपये वसूला जायेगा. यह राशि लायबिलिटी का करीब 50 प्रतिशत है. इसके अलावा अमूनन सभी पंचायतों में 10-30 प्रतिशत वसूलने का आदेश डीएम ने दिया है. इस तरह महज 24 पंचायतों में करीब 7 करोड़ वसूला जा रहा है. अभी रक्सौल के शेष पंचायत सहित जिले के अन्य पंचायतों की कार्रवाई बाकी है. कार्रवाई का यदि रेसियो रहा, तो सरकार का अरबों रुपया बचेगा.

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