बुलानी पड़ी चार थानों की पुलिस

मोतिहारी : इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर में जिस तरह से रविवार को मारपीट हुई, उसकी नीव 16 दिसंबर को उसी समय रखी जा चुकी थी, जब हॉस्टल वार्डेन ने गार्ड मधु कुमार की हाजिरी काटी थी. गार्ड ने उसी दिन से बदला लेने का मन बना लिया था. इस मामले में गार्ड के साथ उसके चाचा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 22, 2014 10:56 AM

मोतिहारी : इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर में जिस तरह से रविवार को मारपीट हुई, उसकी नीव 16 दिसंबर को उसी समय रखी जा चुकी थी, जब हॉस्टल वार्डेन ने गार्ड मधु कुमार की हाजिरी काटी थी. गार्ड ने उसी दिन से बदला लेने का मन बना लिया था. इस मामले में गार्ड के साथ उसके चाचा पर मारपीट का आरोप है, जो मामले को और गंभीर बनाता है.

रविवार को मारपीट व तोड़फोड़ की वजह से इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर को जो नजारा था, वो गंभीर था. मुफस्सिल के साथ नगर, छतौनी व पिपराकोठी थानों की पुलिस को मौके पर बुलाना पड़ा, तब जाकर हालात पर काबू पाया जा सका. कॉलेज परिसर में घुसे ग्रामीण तोड़फोड़ पर उतारू थी. वो वहां की हर चीज को निशाना बना रहे थे. हॉस्टल परिसर में रखी छात्रों की साइकिलों तक में तोड़फोड़ की गयी. इसके अलावा छात्रों के लैपटॉप व मोबाइल तक छीन लिये गये. ऐसा आरोप कॉलेज के छात्रों ने लगा है.

इंजीनियरिंग कॉलेज में पहले भी मारपीट की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन हाल के दिनों में इस तरह की घटनाओं में कमी आयी थी. इस घटना को भी रोका जा सकता था. इस बात की चर्चा कॉलेज परिसर में हो रही थी. कॉलेज के छात्रों का कहना था कि अगर कॉलेज के प्राचार्य ने समय से मामले में हस्तक्षेप कर आरोपित गार्ड के खिलाफ कार्रवाई कर दी होती, तो ये स्थिति नहीं आती.

वहीं, स्थानीय गार्डो को रखे जाने को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. आखिर उन्हें क्यों रखा गया? वहीं, गार्डो का कहना है, उन्हें कम पैसे पर ड्यूटी करायी जाती थी. कॉलेज की ओर से उनके नाम पर नौ हजार मिलते थे, लेकिन उन्हें 3700 रुपये ही दिये जाते थे. वहीं, तोड़फोड़ व मारपीट की वजह से इंजीनियरिंग कॉलेज के हॉस्टल में रविवार को दिन में खाना तक नहीं बना, जिसकी वजह से यहां रहनेवाले छात्रों को भूखा रहना पड़ा. तोड़फोड़ व पथराव की घटना शुरू हुई, तो हॉस्टल परिसर में मौजूद लोग भाग गये.

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