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मोतिहारी : छुट्टी का दिन होने की वजह से रविवार को इंजीनियरिंग कॉलेज के वार्डेन सोनल कुमार सुबह आठ बजे के आसपास गेट के पास दुकान पर चाय पीने गये. इस दौरान वहां हॉस्टल के कुछ छात्र भी मौजूद थे. इसी दौरान कॉलेज में गार्ड का काम करनेवाला मधु कुमार अपने एक साथी के साथ […]

मोतिहारी : छुट्टी का दिन होने की वजह से रविवार को इंजीनियरिंग कॉलेज के वार्डेन सोनल कुमार सुबह आठ बजे के आसपास गेट के पास दुकान पर चाय पीने गये. इस दौरान वहां हॉस्टल के कुछ छात्र भी मौजूद थे.
इसी दौरान कॉलेज में गार्ड का काम करनेवाला मधु कुमार अपने एक साथी के साथ मौके पर पहुंचा और हॉस्टल वार्डन को धमकी देने लगा. इस पर वार्डेन की ओर से भी बचाव किया गया. देखते ही देखते मामला मारपीट में तब्दील हो गया. गार्ड ने हॉस्टल वार्डन पर तानाशाही का आरोप लगाते हुये मारपीट शुरू कर दी.
इसका मौके पर मौजूद छात्रों ने विरोध किया. इस दौरान गार्ड का साथ दुकानदारों की ओर से दिया गया, जिससे छात्रों का गुस्सा दुकानदार पर भी टूटा.
वार्डेन सोनल कुमार ने बताया कि हॉस्टल के गार्ड मधु कुमार राय की ड्यूटी सुबह छह बजे से दो बजे तक है, लेकिन वो कभी भी समय पर नहीं आता है़अपनी मरजी से आता है. इसी वजह से उन्होंने बीते 16 दिसंबर को मधु की हाजिरी काट दी थी. इसी से मधु कुमार नाराज था. इसी वजह से उसने रविवार की सुबह जब वह चाय पी रहे थे, तब मधु अपने एक दोस्त के साथ उनकी पिटाई शुरू कर दी़
वहीं, चाय की दुकान चलानेवाले बलिस सहनी का कुछ और ही कहना है. उसने बताया कि वार्डेन के साथ कॉलेज से आये और उन्होंने उनकी दुकान में तोड़फोड़ शुरू कर दी. इस दौरान उनके ठेले को पलट दिया गया. वार्डेन के सहयोग से छात्रों ने दुकान में लूटपाट भी की. इस दौरान दुकान में रखे चालीस हजार रुपये छात्रों ने निकाल लिये, जो उसके भाई ने लाकर दुकान में रखे थे. वहीं, चाय की दुकान के पास ही एक और दुकान चलानेवाले ललन कुमार ने कहा, हमारी दुकान से पचास हजाक लूटे गये हैं. हॉस्टल गेट के पास ठेले पर रख कर मिठाई बेचनेवाले मेघु कुमार ने बताया कि छात्रों उनके ठेले को भी नुकसान पहुंचाया है. उनके ठेले को तोड़ दिया गया है.
हालांकि छात्रों का कुछ और ही कहना था. इसी दौरान दुकानदारों के समर्थन में पास के ग्रामीण भी आ गये. ये लोग हॉस्टल के छात्रों की गतिविधियों को लेकर मुखर हो गये. ग्रामीण ललन प्रसाद यादव, विनय कुमार चौधरी, रमेश सहनी आदि ने बताया कि कॉलेज के छात्र दुकान पर सिगरेट व शराब पीते हैं, मना करने पर गाली-गलौज करते हैं. इस दौरान उधार सामान भी ले जाते हैं. बाकी पैसे मांगने पर दुकानदारों के साथ मारपीट भी करने को उतारू हो जाते हैं.
गार्ड व दुकानों में तोड़फोड़ की घटना के बाद छात्र वापस हॉस्टल में चले गये. इस दौरान ग्रामीण गोलबंद हो गये और दिन में बारह बजे के बाद इन लोगों ने इंजीनियरिंग कॉलेज पर धावा बोल दिया. इनके निशाने पर छात्रवास था, जहां मारपीट करनेवाले छात्र रहते हैं. लाठी-डंडों से लैस होकर कॉलेज परिसर में घुसे ग्रामीणों ने ईंट-पत्थर बरसाने शुरू कर दिये. इससे हॉस्टल व इंजीनियरिंग कॉलेज के कमरों की खिड़की के शीशे टूट गये. इस दौरान हॉस्टल में रहनेवाले छात्र अपने कमरों में दुबक गये. ग्रामीणों को जो छात्र मिले, उन्होंने उनकी पिटाई कर दी. इस दौरान कई छात्रों को चोटें आयीं. लगभग एक घंटे के आसपास तक ग्रामीणों कॉलेज परिसर में उत्पात मचाते रहे.
इस दौरान छात्रों ने कमरों में मेज व बेड के नीचे घुस कर खुद को बचाया. कुछ छात्रों ने संगठित होकर ग्रामीणों के हमले का जवाब भी दिया, इसी बीच सूचना पर पुलिस पदाधिकारियों के साथ कॉलेज पहुंचे सदर एसडीओ ज्ञानेंद्र कुमार ने प्राचार्य डॉ एके मिश्र से बात की़ उन्होंने कॉलेज परिसर में ग्रामीणों की ओर कॉलेज परिसर में की गयी तोड़फ ोड़ का जायजा लिया. एसडीओ ने वार्डेन सोनल कुमार से भी घटना का कारण जाना, एसडीओ ने प्राचार्य को लोकल गार्ड को हटाने का निर्देश दिया़ उन्होंने कॉलेज परिसर के दुकानों को भी हटाने का निर्देश दिया़ एसडीओ ने बताया कि कॉलेज में शांति व्यवस्था के लिए पुलिस बल की तैनाती की गयी है़
वहीं, कॉलेज के प्राचार्य डॉ एके मिश्र ने बताया कि वार्डेन व गार्ड के बीच होनेवाले झगड़े के कारण मामला बिगड़ गया़ एसडीओ के निर्देश पर कॉलेज में कार्यरत 11 लोकल गार्ड को हटा दिया गया है़ ग्रामीणों ने कॉलेज के चापाकल को तोड़ दिया है व छात्रों के साथ मारपीट की है़
बिना गलती के मिल रही सजा
वहीं, इंजीनियरिंग कॉलेज से हटाये जाने को गार्डो ने गलत बताया. इनका कहना है कि बिना गलती के उन लोगों को सजा दी गयी है. गार्ड सोनेलाल प्रसाद, महेंद्र राम व वृजकिशोर राम, अमित राम, विपीन बैठा आदि ने बताया कि कॉलेज के द्वारा हमलोगों के हटाने के लिए साजिश की गयी है़ झगड़ा दुकानदारों व छात्रों के बीच हुआ. फि र हमलोगों पर कार्रवाई क्यों हो रही है़ गाडरे ने बताया कि उनका वेतन नौ हजार रू पये पर कॉलेज उन्हें सिर्फ 3700 रूपये ही देता है़ वहीं, आइसा के जिला संयोजक व कॉलेज के छात्र संजीव कुमार ने कॉलेज के प्राचार्य डा एके मिश्र पर लापरवाही का आरोप लगाया है़ उसने कहा कि वार्डेन व मधु कुमार के बीच हुए विवाद की सूचना प्राचार्य को पूर्व में ही दी जा चुकी थी़ संजीव ने डीएसपी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने उन लोगों रैगिंग सहित अन्य मामलों में फंसाने की धमकी दी है़

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