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आइएसआइ एजेंट की अपहरण के बाद हत्या

रक्सौल : थाना के शीतलपुर निवासी आइएसआइ एजेंट प्रमोद कुशवाहा की अपहरण के बाद हत्या कर दी गयी है. प्रमोद को गत एक सितंबर को वीरगंज से अगवा किया गया था. फिलहाल वीरगंज पुलिस ने इस मामले में मदन यादव सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है. साथ ही मदन ने हत्या की पुष्टि की […]

रक्सौल : थाना के शीतलपुर निवासी आइएसआइ एजेंट प्रमोद कुशवाहा की अपहरण के बाद हत्या कर दी गयी है. प्रमोद को गत एक सितंबर को वीरगंज से अगवा किया गया था. फिलहाल वीरगंज पुलिस ने इस मामले में मदन यादव सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है. साथ ही मदन ने हत्या की पुष्टि की है. पुलिस ने गिरफ्तार तीन अन्य लोगों के नाम का खुलासा नहीं किया है.
गिरफ्तार मदन यादव ने पुलिस को बताया कि अपहरण के बाद प्रमोद कुशवाहा को रक्सौल स्थित पंकज सिनेमा चौक के पास एक मकान में रखा गया था. वहीं हत्या कर शव को जमीन में गाड़ दिया. वीरगंज पुलिस मदन को लेकर शुक्रवार को रक्सौल पहुंची व स्थानीय पुलिस के साथ जांच की. लेकिन मदन यादव सही जगह नहीं बता सका.
हत्या के बाद प्रमोद की पत्नी से मांगी पांच लाख रंगदारी
गिरफ्तार मदन ने पुलिस को बताया है कि अपहरण के बाद प्रमोद को रक्सौल स्थित पंकज सिनेमा हाल के पीछे एक एस्बेस्टस के मकान में रखा गया था. वहीं उसकी हत्या कर जमीन में गाड़ दिया. मदन ने बताया कि प्रमोद की हत्या के एक माह बाद प्रमोद की पत्नी से फोन कर पांच लाख रुपये भी लिया. रुपये लेने के कुछ दिन बाद अपने करीबी से फिर प्रमोद की पत्नी से पैसा मांगने को कहा. इसके बाद प्रमोद की पत्नी ने वीरगंज एसपी दिवेश लोहनी से घटना के बारे में अवगत कराया. इसके बाद उसकी गिरफ्तसार हुई.
लौट गयी वीरगंज पुलिस
प्रमोद के पिता शिवपूजन कुशवाहा ने कहा कि उसने गलत काम छोड़ दिया था. अपहरण के बाद स्कूटी नकरदेई थाना क्षेत्र में मिली थी. नकरदेई थाना से जांच की मांग की थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ. वीरगंज पुलिस मदन यादव को रक्सौल लेकर आई थी. मदन ने बताया कि वह प्रमोद की हत्या कर यहीं कहीं गाड़ दिया है. इस संबंध में जानकारी के लिए रक्सौल डीएसपी जितेंद्र कुमार को उनके सरकारी नंबर पर फोन किया गया, लेकिन लगातार घंटी होने के बाद भी उन्होंने फोन नहीं उठाया. फिर इंस्पेक्टर दयानाथ झा ने बताया कि पांच दिन पूर्व वीरगंज पुलिस एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लायी थी. लक्ष्मीपुर में नदी किनारे एक घर में हत्या करने की बात कह रहा था, लेकिन गिरफ्तार अपराधी घर की पहचान नहीं कर सका. इसके बाद वीरगंज पुलिस उसे वापस लेकर लौट गयी. प्रमोद की हत्या के पीछे आइएसआइ का हाथ होने की भी आशंका जतायी जा रही है.
दिल्ली क्राइम ब्रांच ने किया था गिरफ्तार
प्रमोद कुशवाहा को दिल्ली क्राइम ब्रांच व आइबी की सूचना पर 12 अक्टूबर 2011 को हरसिद्धि पुलिस ने यादवपुर गांव से गिरफ्तार किया था. उसके साथ यादवपुर निवासी दुर्गेश कुमार को भी गिरफ्तार किया गया था. क्राइम ब्रांच की टीम उससे पूछताछ की थी. हरसिद्धि पुलिस की ओर से दर्ज मामले में कहा गया है कि प्रमोद का आइएसआइ से संबंध है. वह जाली नोट का बड़ा कारोबारी है. हालांकि, उसके पास जाली नोट बरामद नहीं हुआ था. प्रमोद दो साल मोतिहारी जेल में बंद रहने के बाद बेल पर बाहर आया था. वह वीरगंज में घर बना कर रहता था और वहीं से जाली नोट का करोबार करता था.
गत एक सितंबर को वह अपने गांव शीतलपुर से वीरगंज गया था. उसी दिन शाम को अपनी पत्नी को दोस्तों से मिलने की बात कह घर से गया और वापस नहीं लौटा. तीन सितंबर को रक्सौल अनुमंडल के नकरदेई थाना क्षेत्र से उसकी लाल रंग की स्कूटी पुलिस ने जब्त किया. प्रमोद की पत्नी सरोज कुशवाहा ने वीरगंज में मामला दर्ज कराया था. अपहरण के एक माह बाद तक पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला.
मदन ने हत्या की बात कबूल की है. उसका दोस्त प्रमोद कुशवाहा के साथ मोतिहारी जेल में बंद था. गिरफ्तार तीन अन्य लोगों से पूछताछ की जा रही है. आइएसआइ एजेंट होने के संबंध में में कुछ नहीं कहेंगे, लेकिन मामला हत्या से बहुत आगे का है.
दिवेश लोहनी, एसपी वीरगंज

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