न्याय के लिए अनशन पर बैठा परिवार

रक्सौल : थाना क्षेत्र के चिकनी निवासी विशुन दास अपनी जमीन की एलपीसी के लिए पूरे परिवार के साथ अंचल कार्यालय के सामने अनशन पर बैठ गये हैं. अनशन में विशुन दास के साथ उनकी पत्नी कैलाशी देवी, पुत्र मुन्ना दास, रुपेश दास, पौत्र पवन कुमार, आकाश कुमार, प्रकाश कुमार व सुनील कुमार भी शामिल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 16, 2015 9:32 AM

रक्सौल : थाना क्षेत्र के चिकनी निवासी विशुन दास अपनी जमीन की एलपीसी के लिए पूरे परिवार के साथ अंचल कार्यालय के सामने अनशन पर बैठ गये हैं.

अनशन में विशुन दास के साथ उनकी पत्नी कैलाशी देवी, पुत्र मुन्ना दास, रुपेश दास, पौत्र पवन कुमार, आकाश कुमार, प्रकाश कुमार व सुनील कुमार भी शामिल है. विशुन दास का आरोप है कि अंचल कर्मियों द्वारा उनकी जमीन की एलपीसी दूसरे के नाम पर घूस लेकर बना दी गयी है. साथ ही उस व्यक्ति द्वारा जमीन अधिग्रहण का मुआवजा भी उठा लिया गया है.

क्या है मामला

विशुन दास को एक बीघा 5 कट्ठा जमीन बंटाई बिल से प्राप्त था. भूस्वामी के पुत्र जितेंद्र प्रताप सिंह ने मोतिहारी एलआरडीसी के यहां विशुन दास के विरुद्ध मामला दर्ज कराया. 1979 में एलआरडीसी कोर्ट ने विशुन दास के पक्ष में फैसला सुनाया. जितेंद्र प्रताप सिंह ने पुन: एसडीएम कोर्ट में अपील की.

एसडीएम कोर्ट से 1980 में विशुन दास के पक्ष में फैसला आया. जितेंद्र प्रताप सिंह फैसले के विरूद्ध उच्च न्यायालय पहुंचे, उच्च न्यायालय ने 1982 में जितेंद्र का दावा खारिज कर दिया. वर्ष 1983 में अंचल कार्यालय में विशुन दास की जमाबंदी संख्या 373 कायम हुई. तब से उसकी रसीद कटती है. वर्ष 1995 में अंचल से एलपीसी भी मिला है. इधर, जमीन में से वर्ष 2011 में 15 कट्ठा जमीन एसएसबी ने अधिग्रहण किया गया. इसका नोटिस विशुन दास के यहां आया.

विशुन दास ने एलपीसी के लिए आवेदन दिया.लेकिन उनको एलपीसी नहीं दिया गया. विशुन दास का कहना है इस बीच मामला हारने वाले जितेंद्र सिंह से कुछ लोग जमीन लिखवा लिये. अंचल द्वारा विरोधियों को एलपीसी दे दिया गया. जो लोग मुआवजे का लगभग 57 लाख रुपया उठा लिये हैं. तब से विशुन दास अधिकारियों का चक्कर लगा रहे हैं.

इससे पहले भी अनशन

विशुन दास अपने जमीन की एलपीसी के लिए 10 अप्रैल 2014 को जिलाधिकारी के सामने मोतिहारी में पूरे परिवार के साथ अनशन पर बैठे थे. जिलाधिकारी द्वारा 10 दिन में न्याय दिलाने का आश्वासन मिला था, जिसके बाद अनशन समाप्त हुआ था. लेकिन अब तक विशुन दास के मामले का निबटारा नहीं हो सका है.

नौ बार डीएम से मिले

जमीन की एलपीसी के लिए विशुन दास इससे पहले के जिलाधिकारी से छह बार मिल चुके थे. जबकि वर्तमान जिलाधिकारी से तीन बार. वर्तमान में जिलाधिकारी जितेंद्र श्रीवास्तव ने भू अर्जन पदाधिकारी को 11 दिसंबर को 17 दिसबंर तक मामले का निराकरण करने का आदेश दिया थ. जिला भू अर्जन पदाधिकारी 15 दिसंबर को रक्सौल अंचलाधिकारी को जांच कर रिपोर्ट भेजने का पत्र भेजा था.

सीओ का सुझाव

अनशन पर बैठे विशुन दास से रक्सौल अंचलाधिकारी दो बार मिल कर अनशन समाप्त करने को कहा. उन्होंने सुझाव दिया लोक अदालत चले जाये. लोक अदालत के फैसले से आपको राहत मिला. जिसके जवाब में विशुन दास ने कहा कि उच्च न्यायलय के आदेश का आपके ऊ पर असर नहीं है तो लोक अदालत का क्या होगा. हमलोग सपरिवार यहां अनशन पर बैठ कर जान दे देंगे. सीओ विशेश्वर प्रसाद ने कहा कि जांच रिपोर्ट भेज दी गयी है. विशुन दास को पढ़ा दिया गया है, लेकिन प्रति नहीं दे सकते हैं.

कहते हैं अधिकारी

अनुमंडल पदाधिकारी साइदा खातून ने बताया कि जमीन का मामला है. एलपीसी नहीं मिलने के कारण विशुन दास अनशन पर है. हमलोग अनशन समाप्त कराने का प्रयास कर रहे हैं.

राजद का समर्थन

राजद के अनुमंडल प्रतिनिधि रमेश कुमार सिंह ने रक्सौल एसडीओ व सीओ को पत्र देकर विशुन दास के अनशन का समर्थन देने के लिए पत्र दिया है. पत्र में कहा गया ह कि विशुन दास 15 जनवरी से अनशन पर हैं. यदि उनको न्याय नहीं मिला तो 16 जनवरी से राजद उनके समर्थन में उतरेगी. विशुन दास के परिवार ने हमारे संगठन से लिखित सहयोग मांगा है. राजद जिलाअध्यक्ष बच्च यादव ने कहा कि हमारी पार्टी विशुन दास के परिवार के साथ हैं. जरूरत पड़ने पर मैं भी अनशन पर बैठूंगा.

इधर, गुरुवार को राजद के शिष्टमंडल ने विशुन दास से मिलकर मामले की जानकारी ली. मौके पर राजद के रामएकबाल राय, परमांनद सहनी, अजमुल्लाह साह, शिवशंकर राम, दशई पासवान सहित अन्य शामिल थे.

नहीं हुआ स्वास्थ्य परीक्षण

सुबह 10 बजे से विशुन दास अपने परिजनों के साथ अनशन पर बैठे हैं. अनशन करने वाले में पांच साल का बच्च भी शामिल है. शाम के 6 बजे तक अनशनकारियों का स्वास्थ्य परीक्षण नहीं किया गया था. सुरक्षा की कोई व्यवस्था भी नहीं है. रक्सौल पीएचसी प्रभारी डॉ शरतचंद्र शर्मा ने कहा कि मैं अवकाश पर हूं, पर मुझे मालूम है कि अनशन करने वाले किसी व्यक्ति की सूचना अंचल कार्यालय से प्राप्त नहीं हुई है.

सुरक्षा के संबंध में प्रभारी थानाध्यक्ष बेचू राम ने बताया कि अंचल से पत्र आया है. लेकिन साफ-साफ मैं कुछ नहीं कह सकता, पता करता हुं. वहीं सीओ विशेश्वर प्रसाद ने कहा कि थाना को पत्र लिखा गया है. डॉक्टर को सूचना देने के बारे में पूछा गया तो उन्होने कहा कि मैं एलआरडीसी के यहां मीटिंग में हूं. मीटिंग की रिपोर्ट तैयार कर रहा हूं.

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