पू चंपारणः चार हजार की आबादी वाले वैशाहा ग्राम की 75 प्रतिशत आबादी नशे के चंगुल में थी. इसके शिकार हर आयु वर्ग के लोग थे. युवाओं की जवानी नशे की भेंट चढ़ रही थी. किशोर व महिलाएं भी तेजी से इसकी चपेट में आ रहे थे. इससे घरेलू कलह व आर्थिक बदहाली चरम पर थी. गांव की स्थिति कुएं में ही भांग पड़ी वाली हो गयी थी.
बीती 13 जुलाई को कुछ युवक एवं युवतियों ने नशा मुक्ति का संकल्प लिया. फिर क्या था देखते-देखते पूरे गांव के लोगों ने ताड़ी, गांजा, भांग, शराब, पाउच व सभी तरह के नशे से तौबा करना शुरू कर दिया. यह सब संभव हुआ पंचायत के मुखिया महादेव सहनी एवं सरपंच राजा सहनी के संयुक्त प्रयास से. पिछली बार एक हजार लोगों ने साथ बैठकर नशा छोड़ने का संकल्प लिया था.
गांव में निकाली नशा विरोधी रैली: रविवार को गांव के बचे लोगों को संकल्प लेने के लिए उत्क्रमित मध्य विद्यालय में मुखिया एवं सरपंच के नेतृत्व में एक बैठक हुई. बैठक में ग्राम वासियों ने नशा छोड़ने का संकल्प लिया. इसके बाद गांव में एक रैली निकाली गयी.
1500 लोग ले चुके हैं संकल्प: नशा पान बंद करो, नशा पान जो करेगा, करायेगा या जो नशे के सामान को बेचेगा वह समाज से दूर हो जायेगा. रविवार को, 13 जुलाई व इसके पहले वाली बैठक को मिलाकर अभी तक लगभग 1500 लोग नशा छोड़ने का संकल्प ले चुके हैं.
21 सदस्यीय ग्राम कमेटी का गठन : नशा पान पर निगरानी के लिए ग्रामवासियों ने एक 21 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. जो इस तरह के कार्य करने वालों पर या नशे के सामान की बिक्री करने वालों पर आर्थिक जुर्माना लगायेगी. पिछले 15 दिन में किसी के द्वारा नशा पान का कोई मामला सामने नहीं आया है. इसकी जानकारी मुखिया व सरपंच ने बैठक में दी.
दो दशक से बनती थी शराब : गांव दो दशक तक अवैध शराब के कारोबारियों के चंगुल में रहा. नदी के दियारे में स्थित इस ग्राम में व्यापक पैमाने पर अवैध पाउच निर्माण का कार्य होता था. पुलिस ने इस ग्राम में अब तक दर्जनों भर छापे मारे हैं. दर्जनों अड्डों को उसने नष्ट किया. कई कारोबारियों को जेल की हवा खिलायी. कुल मिलाकर 15 हजार लीटर कच्च स्पिरिट पकड़ा. अब यहां उत्पादन की बात तो दूर सामूहिक प्रयास से आने वाले समय में यह गांव पूरी तरह से नशा के चंगुल से मुक्त होता नजर आ रहा है.
सामूहिक प्रयास से यह संभव हुआ है. बैठक में ग्रामवासियों ने दूध, दही के उत्पादन पर जोर दिया है. वे इसका सेवन कर नशे से कमजोर हुए शरीर के नुकसान को दूर कर सकेंगे. इसे खाकर अपने शरीर हो हृस्ट-पुष्ट कर सकें.
सरपंज, राजा सहनी