पूछताछ में हार्डकोर मुनचुन ने खोले कई राज

मोतिहारी/मधुबन : राजेपुर से गिरफ्तार सब जोनल कमांडर मुनचुन उर्फ रौशन उर्फ जय कुमार ने सुरक्षा एजेंसियों व पुलिस की पूछताछ में अपने करतूतों की लंबी फेहरिस्त खोली है. इससे पुलिस व सुरक्षा एजेंसी सतर्क होकर अब अगली मुहिम में जुट गयी है़ जेल से छूटने के बाद मिला प्रभार पुलिसिया पूछताछ में मुनचुन ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 9, 2015 12:46 AM
मोतिहारी/मधुबन : राजेपुर से गिरफ्तार सब जोनल कमांडर मुनचुन उर्फ रौशन उर्फ जय कुमार ने सुरक्षा एजेंसियों व पुलिस की पूछताछ में अपने करतूतों की लंबी फेहरिस्त खोली है. इससे पुलिस व सुरक्षा एजेंसी सतर्क होकर अब अगली मुहिम में जुट गयी है़
जेल से छूटने के बाद मिला प्रभार
पुलिसिया पूछताछ में मुनचुन ने स्वीकार किया कि वर्ष 2014 के जनवरी में राजन की पहल पर संगठन की बागडोर संभाली थी़
दो वर्ष तक जेल में रहने के बाद बाहर आकर संगठन के लिए लेवी वसूलना, फ ोन कर धमकाना, लेवी नहीं मिलने पर विध्वंसक कार्रवाई को अंजाम देना मुख्य काम था़
राजन का था विश्वासी
दहशत फैलाने व लेवी के लिए अधिकांश परचा व पत्र राजन के नाम से जारी था़ संगठन में रामप्रवेश बैठा की गिरफ्तारी के बाद भास्कर व राजन का करीबी बन कर काम करता था़ फ ोन नंबर संग्रह करके लोगों से लेवी वसूल करने में भूमिका महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था़ सुहाग पासवान की गिरफ्तारी के बाद राजन की पहल पर ही सबजोनल कमांडर बना था़
अत्याधुनिक हथियारों का जानकार
पुलिस के हत्थे चढ़ा हार्डकोर नक्सली मुनचुन ने एके 56, एके 47, एसएलआर सहित सभी अत्याधुनिक हथियारों को चलाने में महारत हासिल कर रखी है़ मुनचुन संगठन के लिए बम बनाने का भी काम क ाफ ी सफ ाई के साथ करता था़
आय-व्यय का मिला लेखा-जोखा
मुनचुन के पास से एक डायरी मिली है़ उस डायरी में संगठन के आय-व्यय का लेखा-जोखा के साथ क्रांतिकारी गीत, शायरी व दहेज प्रथा पर एक से एक गीत लिखा हुआ है़ उसमें चिमनी मालिक व अन्य से वसूली गयी लेवी का हिसाब, संगठन से खर्च में मिली राशि का पूरा ब्योरा अंकित है़ डायरी में खर्च का जो ब्योरा लिखा हुआ है, उसमें सबसे अधिक पेट्रोल, नाश्ता व चॉकलेट पर खर्च दिखाया गया है़ पुलिस उस डायरी के आधार पर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है़
आठवीं के बाद छोड़ दी पढ़ाई
मुनचुन आठवीं पास है़ उसने पुलिस को बताया है कि नारायणपुर स्टेट की जमीन पर उसके घर का मवेशी चला जाता था, जिसके कारण स्टेट के मालिक के कहने पर उनके आदमी उसके परिवार वालों के साथ बेरहमी से पेश आते थ़े उसने यह भी बताया है कि राजेपुर में माओवादी संगठन का विस्तार नारायणपुर स्टेट के जुर्म क खिलाफहुआ था़

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