गरीबी व लाचारी बनी अनिल के बिकने की वजह

मानवता शर्मसार चिरैया : नाबालिग को फूफा ने चंद रुपये के लिए पटना के बिल्डर से बेच दिया़ मामला थाना क्षेत्र के शीतलपट्टी गांव का है़. विगत चार वर्ष पूर्व गरीबी व लाचारी के कारण महावीर महतो ने अपने बड़े पुत्र अनिल कुमार (15) को मजदूरी कराने के लिए अपने बहनोई दसई महतो के साथ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 14, 2015 5:20 AM
मानवता शर्मसार
चिरैया : नाबालिग को फूफा ने चंद रुपये के लिए पटना के बिल्डर से बेच दिया़ मामला थाना क्षेत्र के शीतलपट्टी गांव का है़. विगत चार वर्ष पूर्व गरीबी व लाचारी के कारण महावीर महतो ने अपने बड़े पुत्र अनिल कुमार (15) को मजदूरी कराने के लिए अपने बहनोई दसई महतो के साथ पटना भेज दिया़
बहनोई रीगा थाना क्षेत्र के कोल्हुआ टीकवा गांव का निवासी है़ पटना जाने के बाद दसई ने अनिल को एक हफ्ते रख कर पटना स्थित शास्त्री नगर के कौटिल्य बिहार निवासी बिल्डर अनिल कुमार सिंह के यहां घरेलू नौकर के रूप में बेच दिया और फ रार हो गया़ खरीदने के बाद बिल्डर ने भी पूरे चार सालों तक उसके साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया और घर से बाहर नहीं निकलने देता था़ जब प्रताड़ना असहनीय हो गयी तो मौका पाकर अनिल कुमार पटना के शास्त्री नगर थाने में पहुंच आपबीती बतायी़ फि लवक्त अनिल शास्त्री नगर पुलिस के कब्जे में है़
अनिल की मां सीता देवी ने अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहा कि अनिल उनकी संतानों में सबसे बड़ा है और चार पुत्रों में क्रमश: वकील (12), होरिल (10), विपिन (8) व नीतीश (3) वर्ष है. कहा कि चार वर्ष पूर्व ननदोई ने गरीबी व लाचारी दूर करने के लिए मेरे पुत्र को ले गये और बेच दिया़ चार वर्ष में जब बेटा से बात-चीत नहीं होने लगी तो मैं दो बार पटना भी गयी, लेकिन मेरा ननदोई के फरार होने के कारण घर वापस चली आयी़ कहा कि अनिल का पिता मानसिक रूप से विक्षिप्त है़ वे कभी पंजाब तो कभी दिल्ली रह कर मजदूरी करते है़ं
मां सीता देवी गांव के महाजन के खेत- खलिहान में काम कर किसी तरह पेट पालती है़ ये अबोध बच्चे भी पढने-लिखने की उम्र में मां के साथ महाजन के घर बेगारी करने को विवश हैं़ कहती है कि चार धूर भूमि व एक फूस की झोपड़ी के अलावा उसके पास कुछ नहीं है़ गरीबी को दूर करने के लिए अनिल को पटना मजदूरी करने भेजा गया, लेकिन कौन जानता था की उसकी पुत्र को बेच दिया गया़ महावीर महतो का परिवार आज भी सभी सरकारी योजनाओं से वंचित है़ न उसे राशन कार्ड मिला है और न बीपीएल सूची में ही नाम है़
आज तक उसने परिवार को राशन व केरोसिन नसीब नहीं हुआ है़ वह अपने पुत्र को सकुशल घर वापसी का इंतजार कर रही है और लोगों से पूछ रही है कि मेरा पुत्र कब तक आयेगा़ इधर सिकरहना डीएसपी उमेश्वर चौधरी से पूछने पर बताया कि इसकी जानकारी मिली है़ इस गिरोह को चिह्न्ति किया जा रहा है़ इस गोरखधंधा में जो लोग भी शामिल है, उसे जल्द गिरफ्तार किया जायेगा़

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