60 दिन बाद भी नहीं बढ़ी ट्रेनों की स्पीड
रक्सौल : दरभंगा-रक्सौल रेलखंड के रक्सौल व छौड़ादानो के मध्य आमान परिवर्तन के एक साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी इस रेलखंड पर ट्रेन की स्पीड नहीं बढ़ी है़ विगत 22 फरवरी 2014 को परिचालन शुरू होने के बाद से अभी तक इस रेलखंड पर अधिकतम स्पीड 50 किलोमीटर प्रति घंटा है़ […]
रक्सौल : दरभंगा-रक्सौल रेलखंड के रक्सौल व छौड़ादानो के मध्य आमान परिवर्तन के एक साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी इस रेलखंड पर ट्रेन की स्पीड नहीं बढ़ी है़
विगत 22 फरवरी 2014 को परिचालन शुरू होने के बाद से अभी तक इस रेलखंड पर अधिकतम स्पीड 50 किलोमीटर प्रति घंटा है़ इसमें जगह-जगह लगाये गये सतर्कता आदेश के कारण रक्सौल से छौड़ादानो के बीच ट्रेन की अधिकतम गति 30 किलोमीटर प्रति घंटा तक ही रह जाती है़
ऐसे में रक्सौल से छौड़दानो के बीच ट्रेन एक साइकिल की गति से चलती है़ यही कारण है कि रक्सौल से छौड़ादानो की 24 किलोमीटर के दूरी को तय करने में सवारी गाड़ी को लगभग एक घंटा व सुपर फास्ट ट्रेन को 40 से 45 मिनट का वक्त लग जाता है़
इस रेलखंड पर स्पीड बढ़ाने को लेकर पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर के मुख्य अभियंता के द्वारा स्पीडी ट्रायल भी किया गया है लेकिन स्पीड ट्रायल के भी 60 दिन बीत चुके है, इसके बाद भी स्पीड बढ़ाने को लेकर किसी भी प्रकार का आदेश जारी नहीं किया गया है़
32 किलोमीटर है अधिकतम रफ्तार
रक्सौल से आदापुर के बीच ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 30 किलोमीटर है, जबकि आदापुर से छौड़ादानो के बीच ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 32 किलोमिटर प्रति घंटा है़ इसका प्रमुख कारण है कि रक्सौल से छौड़ादानो के बीच चार जगहों पर सतर्कता आदेश लगा हुआ है, जिसके कारण चालकों पर उक्त कॉसन तक पहुंचने से पहले ही गति पर विराम लगाना होता है़
24 किमी में 50 मिनट
रक्सौल से छौड़दानो की दूरी 24 किलोमीटर है़ जिसको पूरा करने में रेलवे के हिसाब से 50 मिनट का वक्त सवारी ट्रेनों को लगता है, जबकि एक्सप्रेस इस दूरी को 46 मिनट में तय करती है़ लेकिन हकीकत यह है रक्सौल से छौड़ादानो जाने में सवारी गाड़ी को लगभग एक घंटा व एक्सप्रेस ट्रेन को 50 मिनट का समय लग जाता है़ ऐसे में काफी कम गति से चलने वाली ट्रेन का सफर लोगों के आरामदायक नहीं परेशानी वाला हो जाता है़
स्पीड को लेकर क्या हुआ काम
वर्ष 2014 में सीआरएस के निरीक्षण के बाद लाइन में खामियों को देखते हुए इस रेलखंड पर अधिकतम 50 किलो मिटर प्रतिघंटा की रफ्तार से ट्रेन परिचालन को फरवरी में हरी झंडी दी थी़ इसके बाद एक साल तक इस खंड पर उसी स्पीड से ट्रेन का परिचालन किया गया़ विगत 18 फरवरी 2015 को पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर के मुख्य अभियंता के द्वारा इस लाइन का स्पीडी ट्रायल किया गया़ जिसके अफवाह उठी कि इस खंड पर अधिकतम गति 100 किलोमीटर प्रति घंटा कर दी गयी है़ लेकिन इसका कोई नतीजा अभी तक नहीं निकला है़ चीफ इंजीनियर व डीआरएम के स्पीडी ट्रायल के बाद भी अभी गति 50 किलोमीटर प्रति घंटा ही है़ जानकार बताते है कि अधिक पूल और लाइन की खामियों के कारण रेलवे अधिकारी स्पीड बढ़ाने की जल्दी में नहीं है़