मोतिहारीः पटना में धरना पर बैठे विद्युत विभाग के कर्मचारियों पर प्रशासन की ओर से की गयी लाठीचार्ज की घटना के बाद कर्मचारियों ने सूबे में आपूर्ति व्यवस्था पूर्णत: ठप कर दी. आपूर्ति ठप हो जाने से पूरे सूबे में बिजली के लिए त्रहिमाम की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. कल-कारखाने ठप हो गये. वहीं जन-जीवन खासा प्रभावित रहा. भीषण गर्मी में विद्युत आपूर्ति का ठप होना लोगों को नागवार गुजर रहा है.
जिले में करीब दो बजे से आपूर्ति व्यवस्था पूर्णत: ठप रही. कई लोगों ने प्रजातंत्र में लाठीचार्ज को निंदनीय करार दिया है. साथ ही इस घटना की निंदा करते हुए प्रबुद्ध जनों ने विद्युत कर्मियों द्वारा उठाये गये कदम को भी अमानवीय करार दिया है. उपभोक्ता विजय कुमार दूबे ने कहा कि लोकतंत्र में संवैधानिक तरीके से अपने वाजिब हक को मांगने का सबको पूरा अधिकार है. परंतु इस नीतीश शासनकाल में आवाज उठाने वाले हर व्यक्ति व संगठन के मुंह को लाठी के बल पर बंद किया जाता है, जो कहीं से न्यायसंगत नहीं है रेडक्रॉस के सचिव ई विभूति नारायण सिंह ने कहा कि प्रशासनिक कार्रवाई से आक्रोशित विद्युत कर्मियों द्वारा उठाया गया यह कदम अमानवीय है. संगठन अपनी मांगों के लिए विद्युत आपूर्ति बाधित कर सरकार को ब्लैकमेल कर रही है.
आज देश की आर्थिक स्थिति काफी खराब है. ऐसे में पेट्रोलियम पदार्थो की खपत बढ़ेगी, जिसका प्रभाव देश के आर्थिक बजट पर पड़ेगा. बच्च यादव ने कहा कि सरकार द्वारा विद्युत विभाग के कर्मियों पर की गयी कार्रवाई लोकतंत्र पर हमला है. अधिकार मांगने पर नीतीश सरकार में लाठी चार्ज और आंसू गैस के गोले दागना आम बात हो गयी है. अंगरेजी हुकूमत इस सरकार में बढ़-चढ़ कर देखने को मिल रहा है. शैलेंद्र कुमार ने कहा कि निश्चित तौर पर प्रजातंत्र में लाठी चार्ज निंदनीय है. सरकार को आंदोलनकारी से वार्ता करनी चाहिए. और उनके वाजिब मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करना चाहिए. ललन कुमार सिंह ने कहा बिजली आज सबसे अधिक जरूरत बन गयी है. प्रशासन को ऐसे कदम उठाने से पहले वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि विद्युत आपूर्ति की समस्या सूबे में उत्पन्न नहीं हो. हालांकि कर्मियों द्वारा उठाया गया कदम जनमानस हित में नहीं है.