नगर परिषद पर जुर्माना

सेवा में त्रुटि. जिला उपभोक्ता फोरम का फैसला मोतिहारी : नगर परिषद मोतिहारी की ओर से टैक्स निर्धारण मामले में जिला उपभोक्ता फोरम ने सेवा में त्रुटि को ले जुर्माना देने का निर्देश दिया है. मामले में श्रीकृष्ण नगर निवासी रामस्वरूप ठाकुर ने उपभोक्ता फोरम में शिकायत अर्जी दी थी कि नगर परिषद बिना सेवा-सुविधा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 31, 2015 8:45 AM
सेवा में त्रुटि. जिला उपभोक्ता फोरम का फैसला
मोतिहारी : नगर परिषद मोतिहारी की ओर से टैक्स निर्धारण मामले में जिला उपभोक्ता फोरम ने सेवा में त्रुटि को ले जुर्माना देने का निर्देश दिया है. मामले में श्रीकृष्ण नगर निवासी रामस्वरूप ठाकुर ने उपभोक्ता फोरम में शिकायत अर्जी दी थी कि नगर परिषद बिना सेवा-सुविधा दिये सालों से होल्डिंग टैक्स वसूल रही है.
वर्ष 2008-09 से वर्ष 2012-13 के लिए लगभग 50 हजार रुपये टैक्स और उस पर विलंब शुल्क के रूप में मांग किया जा रहा है, जो सर्वथा अनुचित रहे. अर्जी में होल्डिंग में भी हेराफेरी का आरोप लगाया है.
नगर परिषद ने अपने जवाब में शिकायत के बिंदुओं को बेबुनियाद, मनगढंग व टैक्स से बचने का बहाना बनाया है और यह दावा किया है कि नगर परिषद सभी सेवा, सुविधाएं मुहैया कराता है.
सड़क, साफ-सफाई, कूड़ा-करकट का उठाव, जल निकासी, नाला प्रबंधन नियमित रूप से होता है. श्री ठाकुर ने अपने पक्ष को स्वयं ही फोरम के सामने रखा और पुख्ता प्रमाणों, नगरपालिका अध्यादेश 2007 व संपत्ति कर नियमावली 2013-14 की विभिन्न धाराओं, सबूतों व साक्ष्यों को प्रस्तुत किया. फोरम ने वाद की परिस्थितिजन्य तथ्यों, दाखिल दास्तावेजों व उस पर हुई बहस पर विचारोपरांत कहा है कि उसका अभिमत है कि विपक्षी नगर परिषद की सेवा में त्रुटि है. विपक्षी ने ऐसा कोई साक्ष्य अभिलेख पर नहीं लाया है, जिससे लगे कि भवन को व्यावसायिक मानकर अधिक टैक्स लेना उचित है.
इसके मद्देनजर फ ोरम ने विपक्षी को आदेशित किया है कि वह होल्डिंग को आवासीय मानकर, माप की कमियों को दूर करके नये सिरे से टैक्स की मांग करे.जिससे पूर्व में अधिक उगाही की गयी रकम का समायोजन भी हो और शिकायतकर्ता की संतुष्टि. फोरम ने नगर परिषद को यह भी आदेश दिया है कि वह परिवादी को वाद खर्च, आर्थिक एवं मानसिक क्षति के रूप में दस हजार रुपया का एक माह के भीतर भुगतान करें.

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