गरमी: घर से निकलने से पहले खूब पीये पानी

रक्सौल : धूप की तपिश अपने चरम पर है. जैसे-जैसे दिन चढ़ता है वैसे-वैसे गर्मी का पारा भी चढ़ता जा रहा है. सुबह, दोपहर हो या शाम सूर्य के ताप एक समान महसूस किये जा सक ते हैं. ताप का कहर यह है कि धूप में निकलने पर बदन व चेहरा झुलसने लगता है. वहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 5, 2015 8:49 AM
रक्सौल : धूप की तपिश अपने चरम पर है. जैसे-जैसे दिन चढ़ता है वैसे-वैसे गर्मी का पारा भी चढ़ता जा रहा है. सुबह, दोपहर हो या शाम सूर्य के ताप एक समान महसूस किये जा सक ते हैं. ताप का कहर यह है कि धूप में निकलने पर बदन व चेहरा झुलसने लगता है. वहीं गरमी जनित कई बीमारियों का असर दिखना शुरू हो गया है.
चिकित्सकों की माने तो हमारे शरीर में 75 प्रतिशत पानी होता है, बावजूद भीषण गरमी के कारण लोग डी-हाइड्रेशन का शिकार हो जाते हैं. गरमी में होने वाली बीमारियों में डी-हाइड्रेशन एक प्रमुख बीमारी है, जो सूर्य के भीषण ताप की वजह से होती है.
अगर डी-हाइड्रेशन का ससमय इलाज नहीं कराया गया तो यह जानलेवा भी हो सकती है. पीएचसी के चिकित्सक डॉ एस के सिंह ने बताया कि डी-हाइड्रेशन में शरीर के अंदर पानी, शरीर को ताकत देने वाली नमक व लवण की कमी हो जाती है. इसकी कमी से शुरू में आदमी को सुस्ती व कमजोरी का आभास होता है. चक्कर आने के साथ-साथ आदमी बेहोश भी हो सकता है. साथ ही अगर सही समय पर इलाज नहीं कराया गया तो उसकी जान भी जा सकती है. भीषण गरमी में कोई भी इसका शिकार हो सकता है.डॉ सिंह का कहना है कि सावधानी बरत कर डी-हाइड्रेशन से बचा जा सकता है.
उनका कहना है कि गरमी में जब भी घर से बाहर निकले तो सिर व बदन ढक कर निकले. घर से निकलने से पूर्व एक या दो ग्लास पानी पीकर निकले. इस तपिश भरे मौसम में खीरा, तरबूज, दही की लस्सी, इलेक्ट्रिक पाउडर, ग्लूकोज आदि का अधिक मात्र में सेवन करना चाहिए, ताकि शरीर में पानी की मात्र अधिक समय तक बनी रह सके.

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