मोतिहारीः नवरात्र के सातवें दिन शुक्रवार को मां दुर्गा की सातवीं शक्ति के स्वरूप कालरात्रि की पूजा के साथ माता का पट खुल गया. पट खुलते ही शहर सहित जिले भर के पूजा स्थलों पर माता के दर्शनार्थ भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. इस क्रम में पूजा पंडालों, देवी मंदिरों सहित घरों में भी भक्तिपूर्ण विधि विधान से लोगों ने माता की पूजा अर्चना की. वहीं, सभी सार्वजनिक पूजा स्थलों पर पंडाल, प्रतिमा, विद्युत सजावट आदि की सभी तैयारी गुरुवार की देर रात्रि तक आयोजक द्वारा पूर्ण कर लिया गया. शहर के सभी पूजा समिति द्वारा अपने पूजा को बेहतर करने के लिए नये ढंग से पंडाल का निर्माण कराया गया है. वहीं, प्रतिमा निर्माण में भी एक से बढ़कर एक बेहतर परिवर्तन किया गया है.
शहर के परांबा शक्ति पीठ, बेलही देवी शक्ति पीठ, बौधी माई स्थान, कचहरी चौक स्थित जगदंबा आनंद धाम मंदिर, चंद्रिका नगर स्थित माई स्थान पर सुबह से ही भक्तों द्वारा चुंदरी व खोइछा भरने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. छतौनी स्थित बंगाली कॉलोनी के गली नंबर-2 में 44 वर्ष से नवरात्र में पूजा का आयोजन हो रहा है. वहां मूर्तिकार विमल दास के द्वारा आकर्षक ढंग से प्रतिमा का निर्माण किया गया है तथा वहां पर पूजा पंडाल में राधे कृष्ण की मंदिर आकर्षक का केंद्र बना है. अमर छतौनी के बड़कुरवा कमेटी चौक पर माता का मुविंग प्रतिमा बनायी गयी है तथा कोलकाता से आये कालाकारों द्वारा कर्नाटक के विधानसभा के दृश्य जैसा भव्य पंडाल निर्माण किया गया है. इस वर्ष बलुआ चौक स्थित पूजा के 45वें वर्ष में भव्य पंडाल व प्रतिमा आकर्षक का केंद्र बना है. यहां 60 फीट ऊंचा तीन मंजिला पंडाल चेन्नई के मालवी मंदिर के शक्ल में बनाया गया है.
वहीं माता की चलंत प्रतिमा व राक्षस का जलंधर स्वरूप आकर्षक कोकेंद्र बना है. बड़ा बरियारपुर दुर्गा चौक पर 14 वर्षों से पूजा का आयोजन किया जा रहा है. जहां कोलकाता के बेलूर मठ के शक्ल में भव्य पंडाल बनाया गया है. जबकि मूर्तिकार रवींद्र के द्वारा आठ प्रतिमा को चलंत तैयार किया गया है. 28 वर्षों से रघुनाथ पुर में हो रहे पूजा में कोलकाता के काली मंदिर के शक्ल में भव्य पंडाल आकर्षक का केंद्र बना है जबकि मूर्तिकार बैजू पंडित द्वारा माता की आकर्षक मुविंग प्रतिमा बनायी गयी है. हेनरी बाजार में भी 45 वर्षो से पूजा का आयोजन हो रहा है. इस वर्ष यहां मूर्तिकार लालबाबू प्रसाद ने 13 फीट उंची माता के आकर्षक प्रतिमा का निर्माण किया है जो आकर्षित कर रही है. देवी की प्रतिमा चलंत बनाया गया है. यहां वैष्णो देवी के तर्ज पर गुफा से गुजरकर माता के दर्शन करने भक्त जायेंगे. छतौनी पूजा स्थल पर स्थापना के 24वें साल मूर्तिकार सुशील कुमार ने देवी के आकर्षक प्रतिमा का निर्माण किया है जबकि बंगाल के कलाकार शाकीदा ने कोलकाता के नवदीप मंदिर के शक्ल में भव्य पंडाल बनाया है. परिसर में बाउछी देवी व मृत्युंजय महादेव मंदिर होने के कारण भक्तों की भीड़ जुटी रही है.
पताही प्रतिनिधि के अनुसार, सप्तमी को सभी दुर्गा पंडालों में मां का आंख खुल जाने से भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है. पताही, बखरी, कोदरिया, सेखपुरवा स्थित भव्य पंडालों में मां दुर्गा के पूजा अर्चना जोरों पर है. भक्त शक्ति की उपासक मां के दर्शन के लिए संध्या से ही पंडालों में प्रवेश कर एक झलक पाने को आतुर दिख रहे है. इधर पूजा में भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए स्थानीय प्रशासन पुरी तरह चौकस है.
मधुबन प्रतिनिधि के अनुसार, नवरात्र के सातवें दिन डोली पूजन के साथ मां दुर्गा का पटा खुल गया. इसके बाद भगवती पूजन के लिए विभिन्न पूजा पंडालों में देवी भक्तों की भीड़ जुटने लगी है. प्रखंड के कृष्णानगर, बंजरिया, मधुबन मलंग चौक, पुरानी बाजार, गांधी नगर चौक, पकड़िया, भेलवा, जोगौछिया, गड़हिया, बारापाकड़, जितौरा आदि में भक्तों द्वारा पूरे भक्ति के साथ पूजा की जा रही है.्र
संग्रामपुर प्रतिनिधि के अनुसार, मां का पट खुलते ही पूजा पंडालों में भक्तों की भीड़ बढ़ने लगी है. श्रद्धा व भक्ति से लवरेज सुबह शाम मां का अर्चना वंदना कर रहे है. शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा का पट खुलते ही श्रद्धालुओं की भीड़ पूजा पंडालों के तरफ उमड़ पड़ी. मां दुर्गा पूजा समिति मधुबनी बजार स्थित डेढ़ दशक से भव्य पूजा का आयोजन कर रही है. एक लाख दस हजार रुपये पूजा पर खर्च करने का अनुमान है.
कोटवा प्रतिनिधि के अनुसार, सप्तमी के रोज माता दुर्गा का पट खुलते ही प्रथम दर्शन के लिए सैकड़ों की संख्या में कुमारी कन्याओं सहित भक्तों ने जयकारा के साथ मां का दर्शन किये. पूजा समिति के अध्यक्ष विरेंद्र सिंह ने बताया 41 वर्षों से पूजा का आयोजन होता आ रहा है. इसके अलावे दुर्गा मंदिर के पश्चिम कोटवा दुर्गा अस्था की देवी अवस्थित है. वहां पूरब दिशा में प्राचीन सोखा बाबा का मंदिर अवस्थित है. यज्ञ कर्ता मोहन सिंह ने बताया कि कलस स्थापना के रोज से सप्तमी तक निर्जला रहते है. पंडित रूप नारायण तिवारी ने बताया कि निशा पूजा के समय दस हजार से ज्यादा महिलाएं भाग लेती हैं.
गोविंदगंज प्रतिनिधि के अनुसार, सप्तमी एवं अष्टमी होने के कारण मां भगवती का नेत्र पटल खुला है. बाजों गाजे और हर्षोल्लास के बीच भक्तों में काफी उत्साह है. वहीं गांव नगर कसबों में नर-नारियों की आपार भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए तथा असामाजिक तत्वों चोर उच्चकों आदि पर कड़ी नजर रखने के लिए पुलिस प्रशासन ने पुख्ता व्यवस्था की है. दशहरा एवं बकरीद साथ साथ होने के कारण भी पुलिस एवं सामाजिक कार्यकर्ता सजग है. चारों ओर ध्वनि विस्तारक यंत्रों से देवी गीतगुंजायमान है.
हरसिद्धि प्रतिनिधि के अनुसार, प्रखंड क्षेत्र में मां दुर्गा की पट खुलते ही चारों ओर श्रद्धालु भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. हरसिद्धि मठलोहियार, यादवपुर, धनखरैया, दुधही, पकड़िया के पूजा पंडालों में मां की पूजा अर्चना करने अधिक संख्या में श्रद्धालु भक्त आये है. वहीं शांति व्यवस्था रखने के लिए थानाध्यक्ष जयप्रकाश प्रसाद, भवनाथ कुमार, सुरेंद्र कुमार यादव अपने पुलिस बल के साथ गस्त लगाते दिखे.