मिटेगी समाज की खाई अपनाएं बुद्ध का मार्ग

हरसिद्धि (मोतिहारी) : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मानना है कि गौतम बुद्ध की विचारधारा को अपना कर समाज में उत्पन्न खाई को पाटा जा सकता है. उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर बुद्ध के विचारों का गहरा असर रहा है.इसी वजह से हमारी सरकार ने भगवान बुद्ध के संदेशों को फैलाने का काम किया है. इसके […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 25, 2015 7:04 AM
हरसिद्धि (मोतिहारी) : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मानना है कि गौतम बुद्ध की विचारधारा को अपना कर समाज में उत्पन्न खाई को पाटा जा सकता है. उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर बुद्ध के विचारों का गहरा असर रहा है.इसी वजह से हमारी सरकार ने भगवान बुद्ध के संदेशों को फैलाने का काम किया है. इसके तहत पटना में बुद्ध स्मृति पार्क व उनसे संबंधित म्यूजियम भी बनाया गया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को भगवान बुद्ध की विचारधारा के बारे में जानकारी मिल सके.
मुख्यमंत्री पहाड़पुर के सिसवा कोडर में 14 फुट की भगवान बुद्ध की प्रतिमा के अनावरण के बाद बोल रहे थे. उन्होंने हरसिद्धि में प्रदेश के पहले बायो फर्टीलाइजर यूनिट का उद्घाटन भी किया. कार्यक्रम का आयोजन सम्राट अशोक क्लब की ओर से किया गया था. इसी के तहत कनछेदवा प्रजापति उच्च विद्यालय में सभा हुई. अध्यक्षता सच्चिदानंद मौर्य ने की. संचालन शत्रुघ्न साह ने किया. इस मौके पर बिहार सरकार के मंत्री विजय चौधरी व अवधेश कुशवाहा भी मौजूद रहे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि चंपारण की धरती पावन है. यह बुद्ध, अशोक व महत्मा गांधी की पावन भूमि रही है. यहां से देश ही नहीं, विदेशों तक के लोग सीख लेते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि वैशाली में पत्थर के बौद्ध स्तूप बनाये जायेंगे, ताकि वो आनेवाली सदियों तक बने रहें. उन्होंने कहा कि नालंदा व विक्रमशिला विवि की तर्ज पर नालंदा के तेलहारा में बौद्धकालीन विवि के साक्ष्य मिले हैं, जिसका विकास किया जायेगा.आज भी मैंने बुद्ध की प्रतिमा के अनावरण स्थल पर बोधि वृक्ष लगाया है.
30 की स्वाभिमान रैली में लें भाग
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने राजनीति पर ज्यादा बात नहीं की, लेकिन ये जरूर कहा कि बिहार का विकास यहां के लोगों की बदौलत होगा. बाहरी यहां का विकास नहीं कर सकते हैं. इसके लिए किसी की कृपा की जरूरत नहीं है.
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बिना नाम लिये निशाना साधा और कहा कि कुछ लोग बिना प्रावधान के घोषणा कर रहे हैं, लेकिन उसके कुछ देर बाद ही उन्हें माथा पर हाथ रखना पड़ रहा है. बिहार का स्वाभिमान रहा है और रहेगा. इसलिए हमारी आप लोगों से अपील है कि 30 अगस्त को पटना में आयोजित स्वाभिमान रैली में भाग जरूर लें.

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