विसर्जन के लिए तैयार नहीं मां, दर्शन को उमड़े भक्त

देखें:आस्था का एक रूप यह भी मोतिहारीः बलुआ दुर्गा मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ बुधवार की सुबह से ही लगनी शुरू हुई है. मंगलवार को माता की प्रतिमा के विसर्जन के लिए ले जाने के समय एक महिला के शरीर पर माता के प्रकट हो जाने की सूचना के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ यहां उमड़ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 17, 2013 4:37 AM

देखें:आस्था का एक रूप यह भी

मोतिहारीः बलुआ दुर्गा मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ बुधवार की सुबह से ही लगनी शुरू हुई है. मंगलवार को माता की प्रतिमा के विसर्जन के लिए ले जाने के समय एक महिला के शरीर पर माता के प्रकट हो जाने की सूचना के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ यहां उमड़ पड़ी. बताते हैं कि बकरीद के मद्देनजर प्रशासन ने पूजा समिति से मंगलवार को ही भसान करने का अनुरोध किया था.

खराब मौसम, मूर्ति की विशालता और शाम हो जाने के कारण बड़ी संख्या में पुलिस बल भी पहुंच कर भसान के लिए मूर्ति को ट्रैक्टर पर रखना चाहा. मूर्ति को जैसे ही मंडप से उठाया गया कि एक 35 वर्षीय महिला गुड़िया की भावभंगिमा बदलने लगी. उसने स्पष्ट निर्देश दिया कि मुझे हाथ मत लगाओ, विनाश कर दूंगी. मंगलवार को बेटी की विदाई नहीं होती. गुड़िया की आवाज सुनकर पुन: मूर्ति को मंडप में रख दिया गया.

पुलिसकर्मी भी भसान की बात भूल चलते बने. उक्त घटना जंगल की तरह फैल गयी. सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ वहां जमा होनी लगी. पूजा पाठ, चढ़ावा का सिलसिला शुरू हो गया जो देर शाम तक और बढ़ता गया. यही नहीं, आधा दर्जन महिलाओं के शरीर पर माता का आसन भी आया. इस बाबत पूजा समिति के अध्यक्ष भोला गुप्ता, सचिव अमिताभ पटेल ने बताया कि 1968 से यहां पूजा होता है कभी भी मंगलवार को विसर्जन नहीं हुआ है.

लालबाबू प्रसाद सहित समिति के सदस्यों ने बताया कि अब तक छह महिला एवं एक बच्ची के शरीर पर माता का आसन आ चूका है. इनमें गुड़िया के अलावे विनीता कुमारी, बतासा विक्रेता राजदेव प्रसाद की पुत्री, यज्ञमान दीपक मणि त्रिपाठी की पत्नी शामिल है. माता से क्षमा याचना के लिए पूजा अनुष्ठान शुरू हो चुका है. शुक्रवार को सुबह आठ बजे से एक बजे दिन के बीच विसर्जन किया जायेगा. वहीं, गुरुवार को माता जागरण का आयोजन किया जा रहा है.

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