मोतिहारीः धन त्रयोदशी (धनतेरस) का पर्व को लेकर बाजार सज धज कर तैयार है. धनतेरस शुक्रवार को है, लेकिन मन पसंद समानों की बुकिंग एक -दो सप्ताह पहले से ही शुरू है. गुरुवार को बाजारों में धनतेरस की चहल पहल देखने को मिली. इधर ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए दुकानदारों ने भी अपने प्रतिष्ठानों को सजा रखा है. इस बार धरतेरस पर ग्राहकों को लुभाने के लिए कंपनियां भी कई ऑफर दे रखी है. धनतेरस को लेकर बाजार में सुरक्षा का भी तगड़ा इंतजाम किया गया है. चौक-चौराहे पर पुलिस बल की तैनाती की गयी है. वहीं, प्रशासन ने शहर में जाम की समस्या को लेकर बाजार में भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दिया है.
कार्तिक कृष्णपक्ष त्रयोदशी तिथि को धन त्रयोदशी एवं आयुर्वेद के प्रवर्त्तक धनवंतरि की जयंती दोनों ही मनाने का विधान है. पौराणिक मान्यता के अनुसार धनतेरस को प्रदोष काल अर्थात सूर्यास्त के दो घंटा 40 मिनट तक के समय में जो अपने घर के दरवाजे पर दीपक जलाता है, उसके परिवार के सदस्यों को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है. इस दिन दीपदान करने से मृत्यु पाश, दंड, काल और लक्ष्मी के साथ सूर्य नंदन यम प्रसन्न होते हैं तथा मनोवांछित फल प्रदान करते हैं. इस दिन घर में नयी चीज जैसे बरतन, वस्त्र व सोने-चांदी के आभूषण आदि की खरीदारी करने का विधान है.
इस दिन बरतन, आभूषण आदि खरीदकर लाने व धन का अपव्यय रोकने से अगले वर्ष धन का संचय होता है. इस संबंध में विद्यापीठ के सुशील कुमार पांडेय ने धनवंतरि जयंती के बारे में बताया कि भगवान विष्णु के अंशावतार धनवंतरि आयुर्वेद के प्रवर्त्तक हुए. उनका अविभाव धन त्रयोदशी के दिन हुआ था. इसलिए आरोग्य देवता के रूप में उनकी जयंती मनायी जाती है. भागवत महापुराण के अनुसार उनके नाम का स्मरण करने मात्र से समस्त रोग दूर हो जाते है.