मात्र दो बेड का है रेलवे अस्पताल सुविधा नहीं, कर्मी रहते हैं नदारद
मोतिहारी : रेलवे के 190 किमी के क्षेत्र में महज मोतिहारी रेलवे स्टेशन पर एक मात्र स्वास्थ्य केंद्र है़ जो कपरपुरा से लेकर साठी रेलवे स्टेशनों के बीच के रेल कर्मचारियों की चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराता है़ साथ ही यात्रियों को फस्ट एड कर उन्हें सदर अस्पताल रेफर करने की संभवत: जिम्मेवारी है़ कब शुरू […]
मोतिहारी : रेलवे के 190 किमी के क्षेत्र में महज मोतिहारी रेलवे स्टेशन पर एक मात्र स्वास्थ्य केंद्र है़ जो कपरपुरा से लेकर साठी रेलवे स्टेशनों के बीच के रेल कर्मचारियों की चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराता है़ साथ ही यात्रियों को फस्ट एड कर उन्हें सदर अस्पताल रेफर करने की संभवत: जिम्मेवारी है़
कब शुरू हुआ अस्पताल
अप्रैल 1964 में मोतिहारी रेलवे अस्पताल का शुभारंभ हुआ था़ दो बेड वाले इस अस्पताल में चिकित्सक कक्ष, पट्टी घर, सूई घर, भंडार घर, प्रयोगशाला, शल्य कक्ष एवं दवाखाना के साथ-साथ हरियाली अपनी अनुपम छंटा विखेर रही है़ मरीज यहां आये और प्राकृतिक छंटा को देख स्वस्थ्य हो जायेंगे़
इस अस्पताल में चार पद है़ एक चिकित्सक, एक फार्मासिस्ट, सहायक परिचारिका एवं एक सफाईकर्मी है़
उपकरण के अभाव में यहां नहीं होता है ऑपरेशन दो-तीन साल पूर्व यहां बंध्याकरण होता था लेकिन अब नहीं होता है़ इस अस्पताल का बहुत सा उपकरण समस्तीपुर रेल मंडल को चला गया, जिसके कारण ऑपरेशन बाधित हो गया़
महज यहां ओपीडी चलता है़ इस रेलवे अस्पताल में महज प्राथमिक उपचार होता है़ उसके लिए अावश्यक 42 प्रकार की दवाएं उपलब्ध है़ यहां प्रत्येक दिन 20-25 मरीज को देखा जाता है, जिसमें अधिकांश मरीज रेलवे विभाग के कर्मचारी होते है़
स्थानीय रेलवे कर्मचारी नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि अस्पताल में सिर्फ रेलवे कर्मचारियों को फिट-अनफिट का प्रमाण पत्र दिया जाता है़
ट्रेनों में नशा के शिकार लोगों का भी यहां इलाज किया जाता है़ यदि स्थिति गंभीर होती है तो प्राथमिक उपचार के बाद उसे जीआरपी के साथ सदर अस्पताल भेज दिया जाता है़ स्वास्थ्य कर्मी बताते है कि दीपावली, छठ के समय नशाखुरानी गिरोह काफी सक्रिय हो जाते है़ उस दौरान प्रत्येक दिन सुबह वाली ट्रेनों से एक न एक नशाखुरानी के शिकार मरीज मिलेंगे, जिन्हें उपचारोपरांत सदर अस्पताल रेफर कर दिया जाता है़