पुत्र ने ही ली थी पिता की जान

मोतिहारी : मुफस्सिल पुलिस ने रिटायर पंचायत सेवक भृगुनाथ द्विवेदी हत्या कांड का भंडाफोड़ कर लिया. भृगुनाथ के अधिवक्ता पुत्र मनोज द्विवेदी ने अपने साला के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची थी. पुलिस ने मोबाइल टावर लोकेशन के आधार पर हत्यारे पुत्र को बेनकाब करते हुए उसे कचहरी चौक से शनिवार की शाम में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 23, 2015 1:58 AM

मोतिहारी : मुफस्सिल पुलिस ने रिटायर पंचायत सेवक भृगुनाथ द्विवेदी हत्या कांड का भंडाफोड़ कर लिया. भृगुनाथ के अधिवक्ता पुत्र मनोज द्विवेदी ने अपने साला के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची थी.

पुलिस ने मोबाइल टावर लोकेशन के आधार पर हत्यारे पुत्र को बेनकाब करते हुए उसे कचहरी चौक से शनिवार की शाम में गिरफ्तार कर लिया. थानाध्यक्ष किशोरी चौधरी ने बताया कि साइंटिफिक इन्वेस्टिकेशन में मनोज के खिलाफ ठोस साक्ष मिले हैं. उसके आधार पर उसे गिरफ्तार किया गया है. उसने पिता के हत्या की साजिश रचने की बात स्वीकारी है.

पूछताछ में बताया है कि एक परायी औरत से उसके पिता का संबंध था. उसके पिता रिटायरमेंट से लेकर पेंशन का पैसा उस परायी औरत पर खर्च करते थे. यहां तक की छतौनी मठिया जिरात मुहल्ला स्थित मकान भी उसके नाम करने के मुड में थे.

संपत्ति हाथ से जाते देख उसने साला दीपक तिवारी के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची, उसके बाद दीपक ने चार अक्टूबर की सुबह में भृगुनाथ को फोन कर छतौनी चौक पर बुलाया.

वहा से बाइक पर बैठा अगरवा बासमनुपर ले जाकर गोली मार उसकी हत्या कर दी. दीपक पीपराकोठी के मठबनवारी पांडेय टोला का रहने वाला है. उसकी गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी की जा रही है. वह फिलहाल घर छोड़ फरार है.

थानाध्यक्ष ने बताया कि पिता की हत्या को आरोप में गिरफ्तार अधिवक्ता मनोज द्विवेदी को पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. छापेमारी में थानाध्यक्ष के साथ अनुसंधानकर्ता संजय स्वरूप व सैप जवान शामिल थे

मनोज ने दर्ज कराया था हत्या का मामला
भृगुनाथ की हत्या के बाद उसके अधिवक्ता पुत्र मनोज द्विवेदी ने थाना में आवेदन देकर परायी औरत के पिता, भाई व बहनोई पर हत्या का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
उसने पुलिस को बताया था कि पैसे की लालच में पिता के साथ रहने वाली परायी औरत ने अपने मायके वालों के साथ मिलकर हत्या की है. थोडी देर के लिए पुलिस को भी उस औरत व उसके मायके वालों पर शक हुआ, लेकिन जब मोबाइल का टावर लोकेशन निकाला कर छानबीन की गयी तो परत दर परत खुलासा होते चला गया.

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