अंधेरे में ठहर जाती है शहरवासियों की जिंदगी
मोतिहारी : मोतिहारी शहर अभी भी कई मायनों में काफी पिछे है. 11 बजने के साथ ही शहरवासियों की जिंदगी ठहर सी जाती है.एक तरफ सड़कों पर सन्नाटा छा जाता है तो दूसरी तरफ लाइट की कोई व्यवस्था नहीं रहती है. चौक-चौराहों पर मास्क लाइट तो लगा है किंतु जलता नहीं है. कुछ मोहल्लों में […]
मोतिहारी : मोतिहारी शहर अभी भी कई मायनों में काफी पिछे है. 11 बजने के साथ ही शहरवासियों की जिंदगी ठहर सी जाती है.एक तरफ सड़कों पर सन्नाटा छा जाता है तो दूसरी तरफ लाइट की कोई व्यवस्था नहीं रहती है.
चौक-चौराहों पर मास्क लाइट तो लगा है किंतु जलता नहीं है. कुछ मोहल्लों में शादी हो रही थी जिस कारण चहलकदमी देखी गयी.बुलआ ओवरब्रिज पर भी रोशनी नहीं है जिस कारण दुर्घटना होने की संभावना लगातार बनी रहती है.बलुआ आरओबी से कचहरी चौक तक अंधेरे को चिरती निकल रही थी एक्का-दुक्का गाड़िया. बलुआ चौक पर बस पकड़ने के लिए मटियरिया के कुछ लोग दिखाई दिये.हवाई अड्डे चौक से बड़ा बरियारपुर चौक तक सन्नाटा पसरा था.
बरियारपुर चौक के आस-पास दर्जनों व्यवसायिक प्रतिष्ठानें हैं लेकिन रात्रि 11:40 बजे कहीं कोई सुरक्षा नहीं दिखी. छतौनी चौक पर चहलकदमी के साथ पुलिस भी दिखी.शहर के व्यस्ततम गांधी चौक पर घना अंधेरा, सुरक्षा नदारद और लैंप की रोशनी में रिक्शा चालक व बस पकड़ने वाले यात्री राजू के दुकान के पास खड़े थे.
प्रभात खबर की टीम ने शुक्रवार की रात्रि 11 बजे से 1 बजे तक शहर के विभिन्न इलाकों का जायजा लिया जो इस प्रकार है.
अस्पताल के गेट पर कागज जलाकर आग तापते रहे लोग
सदर अस्पताल के मुख्य द्वारा रात्रि 12 बजे कागज जलाकर लोग आग तापते रहे.बाहर से आने व जाने वाले मरीजों के परिजन यहां रूक कर अलाव तापते हैं.हालांकि अभी पूरी तरह ठंडी नहीं पड़ रही है बावजूद उसके लोगों का वहां आना जाना लगा रहता है.
बरातियों के कारण थी चहलकदमी
शहर के गांधी चौक व उसके आस-पास का इलाका बरातियों के कारण थोड़ा गुलजार था.लोगों की चहलकदमी थी और सड़कों पर आवागमन हो रही थी.12:15 बजे का समय था.