मोतिहारीः उत्तर बिहार का कुख्यात अपराधी व बेतिया के राजद नेता अलिंद्र राय हत्या कांड का मुख्य आरोपी शशिभूषण सिंह उर्फ फौजी अपने एक सहयोगी के साथ पकड़ा गया. उसकी गिरफ्तारी रक्सौल के जोकियारी चौक से गुरुवार को हुई है. वह मुजफ्फरपुर कथैया थाना के पगहीया गांव का रहने वाला है. उसके पास से दो लोडेड अवैध हथियार व कारतूस के साथ कई आपत्तिजनक सामान मिला है.
एसपी विनय कुमार ने शुक्रवार को अपने कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान फौजी के पकड़े जाने की पुष्टि की. उन्होंने बताया कि फौजी के साथ उसका सहयोगी सुगौली कुरईया गांव का ऋषि कुमार पकड़ा गया है. दोनों किसी बड़ी घटना को अंजाम देने नेपाल से रक्सौल आ रहे थे. फौजी नाम के दहशत का प्रभाव मुजफ्फरपुर से लेकर पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण व गोपालगंज तक में था.
उसके विरुद्ध विभिन्न जिलों में हत्या, लूट, रंगदारी व बैंक डकैती के अभी तक 15 मामले मिले हैं. उसका और भी आपराधिक इतिहास खंघाला जा रहा है. एसपी ने बताया कि फौजी के ऊपर पूर्वी चंपारण में चकिया में कांग्रेस नेता टिंकू सिंह व उनकी जिला पार्षद पत्नी मधुबाला सिंह की हत्या सहित हरसिद्धि, डुमरियाघाट, सुगौली व नगर थाना में 10 आपराधिक मामले दर्ज है. जबकि मुजफ्फरपुर में पंकज सिंह की हत्या के अलावे बेतिया में राजद नेता अलिंद्र राय तथा नरकटियागंज रेल थाना में आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज है. छापेमारी में एएसपी अभियान संजय कुमार सिंह, चकिया थानाध्यक्ष रवि कुमार, पीपरा के दिलीप कुमार व पीपराकोठी के रंजन कुमार शामिल थे.
बरामद सामान
फौजी के पास से लोडेड दो अवैध हथियार, सात जिंदा कारतूस, चार मोबाइल, 10 नेपाली व पांच इंडियन सिमकार्ड, एक डायरी, एक बाइक, दो एटीएम कार्ड बरामद हुआ है.
अलिंद्र राय के साथ उसके भाई को भी मारने का था प्लान
मोतिहारी . बेतिया के राजद नेता अलिंद्र राय के साथ उसने भाई के हत्या की भी योजना बनायी गयी थी. दोनों भाइयों को घर में घुसकर एक साथ मारने का प्लान था, लेकिन कुछ देर पहले अलिंद्र का भाई उस जगह से हटकर घर के दूसरे कमरा में चला गया. इसी बीच फौजी व उसके साथियों ने अलिंद्र को गोलियों से छलनी कर दिया. पुलिस के समक्ष फौजी ने उक्त बात का खुलासा किया है. उसने बताया है कि अलिंद्र की हत्या ठेका पर अधिपत्य व बेतिया में वर्चस्व को लेकर किया गया था. इधर पुलिस सूत्रों की माने तो फौजी का अलिंद्र राय के साथ काफी बेहतर संबंध था. पैसे की लेने-देन के कारण दोनों में मनमुटाव हो गया. हालांकि अलिंद्र को इसका अंदाजा नहीं था कि फौजी उससे बगावत करेगा. यहां बताते चले कि एक अप्रैल 2011 को अलिंद्र राय को घर में घुसकर अपराधियों ने गोली से छलनी कर दिया था.