मोतिहारी : पूर्वी चंपारण जिले के विभिन्न निबंधन कार्यालयों में चालान के बाद संबंधित राशि बैंकों की ओर से होल्ड रखने का मामला सामने आया है. प्रधान सचिव के पत्र के बाद जो राशि सामने आ रही है वह करीब 40 करोड़ रुपये बतायी जाती है. इस राशि को सरकारी खजाने में न डालकर बैंकों ने होल्ड कर रखा है. डीएम को जारी पत्र में आरबीआइ के नियमानुसार होल्ड राशि का सूद के साथ वसूलने का निर्देश दिया गया है. अन्यथा बैंकों
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ट्रेजरी के 40 करोड़ बैंकों में अटके
मोतिहारी : पूर्वी चंपारण जिले के विभिन्न निबंधन कार्यालयों में चालान के बाद संबंधित राशि बैंकों की ओर से होल्ड रखने का मामला सामने आया है. प्रधान सचिव के पत्र के बाद जो राशि सामने आ रही है वह करीब 40 करोड़ रुपये बतायी जाती है. इस राशि को सरकारी खजाने में न डालकर बैंकों […]
प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार यह खेल पिछले करीब पांच वर्षों से जारी है.
नियमानुसार चालान पर निबंधन के बाद तीन दिन में एक चालान निबंधन करानेवाले व्यक्ति को दिया जाता है. दूसरा चालान निबंधन कार्यालय में रह जाता है और तीसरा चालान बैंक के माध्यम से ट्रेजरी में भेजा जाता है. इसे ट्रेजरी के माध्यम से
महालेखाकार को भेज दिया जाता है. महीने के हर पांच तारीख तक पिछले माह का लेखा-जोखा भेजा जाता है, ताकि महालेखाकार को पता चल सके कि निबंधन से अमुक जिले को इतनी राशि आयी. इस तरह का मामला बिहार के अन्य कई जिलों में भी सामने आया है. इसको लेकर विभाग के प्रधान सचिव केके पाठक की ओर से पत्र लिखा गया है.
लापरवाही. डीएम ने बनायी जांच कमेटी
जिले में आठ निबंधन कार्यालय पूर्वी चंपारण जिले में करीब आठ निबंधन कार्यालय हैं. जिला अवर निबंधक सुशील कुमार सुमन ने बताया कि बैंकों में राशि कितनी होल्ड है, स्पष्ट तौर पर नहीं कहा जा सकता. लेकिन, बैंकों से राशि की जांच की जा रही है. तस्वीर शीघ्र साफ हो जायेगी.
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