विरोध. बहाली को ले अनशन पर बैठे टोलासेवकों के समर्थन में आये शिक्षक
डीइओ कार्यालय में तालाबंदी टोला सेवक बहाली प्रकरण का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसको लेकर जारी अनशन के तीसरे दिन डीइओ कार्यालय में ताला बंदी की गयी. इधर प्रधान सचिव का पत्र आने के बाद सबकी बैचेनी बढ़ गयी है. संध्या के समय डीइओ के पहल पर अनशन समाप्त हो गया. […]
डीइओ कार्यालय में तालाबंदी
टोला सेवक बहाली प्रकरण का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसको लेकर जारी अनशन के तीसरे दिन डीइओ कार्यालय में ताला बंदी की गयी. इधर प्रधान सचिव का पत्र आने के बाद सबकी बैचेनी बढ़ गयी है. संध्या के समय डीइओ के पहल पर अनशन समाप्त हो गया.
मोतिहारी : मानदेय भुगतान की मांग को लेकर डीइओ कार्यालय में आमरण अनशन पर बैठे टोला सेवकों का अनशन तीसरे दिन बुधवार को भी जारी रहा. अनशन कारियों के समर्थन में बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रमोद कुमार यादव, केशव कुमार व रीता गुप्ता, शिक्षकों के साथ अनशन स्थल पर पहुंच अनशन में शामिल हुए.
इस दौरान शिक्षकों व अनशन कारियों ने डीइओ के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए डीइओ कार्यालय में ताला बंदी की. कार्यालय में ताला बंदी के बाद पुन: शिक्षक नेता अनशनकारियों के साथ बैठ गये. युवा संगठन के अध्यक्ष रंजीत गिरि भी मौके पर पहुंच अनशन कारियों का समर्थन किया. शिक्षक नेताओं ने टोला सेवकों की मांग को जायज बताते हुए शीघ्र मानदेय भुगतान की मांग की. अनशन कारी मोहम्मद इरशाद आलम व फैयाज आलम ने बताया कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी अनशन जारी रहेगा.
उन्होंने बताया कि 11 टोला सेवक आमरण अनशन पर बैठे हैं, जिसमे मंकेश नाथ रजक, नागेंद्र राम, मुकेश मांझी, चंद्रशेखर कुमार, फुल मोहम्मद, अमीन हुसैन, एमाम कैशर, मुसलिम हुसैन, महमद हिदायतुल्लाह, संतोष कुमार राम, वहिद आलम
शामिल हैं.
अनशनकारियों ने बताया की मंगलवारा को कल्याणपुर के विधायक सचिंद्र सिंह अनशनकारियों से मिले तथा स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने डीइओ व जिलाधिकारी से बात की ताथा टोला सेवकों के मानदेय भुगतान की मांग की.
1371 टोलासेवकों की सूची की मांग : डीइओ व डीपीओ साक्षरता को आवेदन देकर कुछ टोला सेवकों ने सर्व शिक्षा अभियान के द्वारा नौ दिसंबर 12 को उपलब्ध करायी गयी 1371 टोला सेवकों की सूची की मांग की है. टोला सेवक संजीत कुुमार बैठा, संजीव राजक, गुड़िया कुमारी, प्रियंका कुमारी ने कहा है कि बिना जांच के ही 215 व 113 की सूची कार्यालय द्वारा तैयार की गयी तो हम लोग भी 18 अप्रैल से आमरण अनशन करेंगे.
जब जिले में 101 रिक्ती थी तो उसके विरुद्ध 328 की बहाली हुई. इस बहाली को करने वाले पूर्व जिला शिक्षा पदाधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग टोला सेवकों ने की है. टोला सेवकों ने डीइओ व डीपीओ साक्षरता कार्यालय पर धांधली करने का आरोप लगायाा है. इस पत्र के टोला सेवकों का मानना हो कि 1472 स्वीकृत पद के विरुद्ध 1371 टोला सेवक कार्यरत थे इस प्रकार 101 पद
रिक्त बताया था. उसके बाद 1257 में 117 केंद्र बंद होने की रिपोर्ट सभी प्रखंडों से प्राप्त हुआ. इस प्रकार तत्कालीन डीइओ के द्वारा 114 ज्यादा बहाली की गयी है. वो सही है तो फिर 113 की बहाली कैसे अवैध है.