पर्यटन सर्किट से जुड़ेंगे जिले के टूरिज्म स्थल
पहल. नये सिरे से सूचीबद्ध करने की कवायद हुई तेज शहर मोतिहारी सहित जिले के विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों को नये सिरे से सूचीबद्ध कर बिहार के पर्यटन सर्किट से जोड़ने की कवायद तेज हो गयी है. इसको लेकर जिले के सभी बीडीओ से रिपोर्ट मांगी गयी है. मोतिहारी : गांधी सर्किट, राम-सीता सर्किट व बुद्ध […]
पहल. नये सिरे से सूचीबद्ध करने की कवायद हुई तेज
शहर मोतिहारी सहित जिले के विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों को नये सिरे से सूचीबद्ध कर बिहार के पर्यटन सर्किट से जोड़ने की कवायद तेज हो गयी है. इसको लेकर जिले के सभी बीडीओ से रिपोर्ट मांगी गयी है.
मोतिहारी : गांधी सर्किट, राम-सीता सर्किट व बुद्ध सर्किट से जोड़ने की नेताओं के घोषणा अब तक पूरी नहीं हुई. महात्मा गांधी चंपारण सत्याग्रह के सौ वर्ष पूरे होने पर देशभर में सत्याग्रह शताब्दी समारोह मनाया जा रहा है. इस क्रम में बिहार सरकार के निर्देश के आलोक में नये सिरे से जिले के ऐतिहासिक, धार्मिक व प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण स्थलों को सूचीबद्ध करने की कवायद तेज हो गयी है. इसको ले जिले के सभी बीडीओ को पत्र लिख सरकार के निर्देश के आलोक में सूची मांगी गयी है, ताकि पूर्वी चंपारण के टूरिज्म सर्किट की सूची बनाकर सरकार को सौंपी जा सके.
इसके बाद जिले के सर्किट को बिहार के पर्यटन सर्किट से जोड़ा जायेगा. डीआरडीए निर्देशक दुर्गेश कुमार ने बताया कि यहां इको टूरिज्म की अपार संभावनायें हैं. इससे सरकार को अच्छे राजस्व की प्राप्ति हो सकती है. मोतिहारी शहर में भी कई ऐतिहासिक व धार्मिक स्थल हैं, जिसे इको टूरिज्म से जोड़ा जायेगा. इधर ऐतिहासिक स्थलों के जानकार प्रो चंद्रभूषण पांडेे ने बताया कि सिर्फ पूर्वी चंपारण में गांधी जी से जुड़े करीब 18 व पश्चिमी चंपारण में 36 स्थल हैं.
शहर के ऐतिहासिक व अन्य स्थल : ऐतिहासिक गांधी स्मारक जहां गांधी जी ने अंगरेजों के खिलाफ कोर्ट में बयान दिया था, यहां वर्तमान में जिला परिषद कार्यालय चलता है. अंगरेजों का कोर्ट, गोरख बाबू का मकान, केडिया फुलवारी, वर्तमान कांग्रेस कार्यालय प्रजापति आश्रम, शहर से सटे चंद्रहिया, तुरकौलिया नीम का पेड़ आदि.
तत्कालीन डीएम ने पूर्व में कराया था सर्वेक्षण: ऐतिहासिक व धार्मिक स्थलों का सर्वेक्षण कर तत्कालीन डीएम नर्मदेश्वर लाल के द्वारा सूचीबद्ध कराया गया था. सर्वेक्षण करने वाले रंगकर्मी व साहित्यकार प्रसाद रत्नेश्वर ने बताया कि गांधी सर्किट को छोड़ 66 ऐसे स्थल हैं जिसे विकसित कर पर्यटन स्थल से जोड़ने की जरूरत है. गांधी जी से जुड़े स्थलों के अलावे सोमेश्वरनाथ महादेव मंदिर अरेराज, केसरिया का बौद्ध स्तूप, रामपरिपथ, सीताकुंड, बेदीबन मधुबन, कबीरपंथी मठ चटिया, पंडितपुर, पताही का घुड़दौर पोखर सहित करीब 66 स्थलों को सूचीबद्ध किया गया था.
जिले में करीब 86 स्थल हैं
ऐतिहासिक व धार्मिक
अरसे से चल रही है गांधी व बुद्धा सर्किट से जिले को जोड़ने की कवायद
नये सिरे से जिले के सभी बीडीओ से मांगी गयी रिपोर्ट
क्या कहते हैं अधिकारी
ऐतिहासिक, धार्मिक व प्राकृति स्थलों की सूची सभी बीडीओ से मांगी गयी है. पंचायत चुनाव के कारण विलंब हो रहा है. आम लोगों के जानकारी में भी ऐसे स्थल हों जिसे लोग नहीं जानते हों तो उसका नाम संबंधित बीडीओ या मोतिहारी कार्यालय में दर्ज करा सकते हैं.
दुर्गेश कुमार, डीआरडीए निदेशक, पूच