रक्सौलः एक साल की लंबी प्रतीक्षा के बाद मंगलवार को अमान परिवर्तन के बाद छौड़ादानो-रक्सौल रेलखंड पर स्पीडी ट्रायल करवाया गया. आठ बोगी वाली स्पेशल ट्रेन 20 पुल-पुलिया को पार कर सीतामढ़ी से रक्सौल पहुंची. रक्सौल-छौड़ादानो गेज कन्वर्सन में कुछ कमियां सामने आयी हैं. इसको ठीक किये बिना परिचालन नहीं हो सकता है. मुख्य संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) आर पी यादव ने बताया कि शीघ्र रेल परिचालन संभव नहीं है. आमान परिवर्तन में देरी के संबंध में पूछे गये सवाल पर सीआरएस ने कहा कि आमान परिवर्तन का बड़ा काम होता है.
इसमें समय तो लगता ही है. सीआरएस आर पी यादव ने रक्सौल रेलवे स्टेशन से शाम 5 बजकर 40 मिनट पर स्पीड ट्रॉयल की विशेष ट्रेन लेकर रवाना हुए. इससे पहले वे मोटर ट्रॉली से लाइन का निरीक्षण करते हुए रक्सौल पहुचे थे. उन्होंने बताया कि निरीक्षण की अगली कड़ी के तौर पर लाइन का अधिकतम गति से स्पीडी ट्रॉयल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अभी तक इंटर लौकिंग का काम नहीं हुआ है. कुछ कमियां हैं, रेलवे यात्रियों की सुविधाओं का ख्याल रखती है. हड़बड़ी में कोई काम नहीं हो सकता है.
सीआरएस आरपी यादव से कमियों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने दार्शनिक अंदाज में कहा कि घर बनाने में कमियां रह जाती है, अभिभावक आकर उसे ठीक करते हैं, लेकिन दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी. जबकि शीघ्र ट्रेन चलाने के साथ-साथ सात ट्रेनों को चलाने की बात कहीं. इसमें तीन सवारी गाड़ी व चार एक्सप्रेस ट्रेन शामिल है. इस दौरान डीआरएम अरुण मल्लिक, मुख्य अभियंता निर्माण बीएस चीतौड़ा, उप मुख्य अभियंता संजय कुमार सिंह समेत दर्जनों की संख्या में रेल के अलग-अलग विभाग के अधिकारी मौजूद थे.