महिला मरीज से दुष्कर्म का प्रयास
रक्सौलः निजी अस्पताल में देर रात पेट दर्द का इलाज कराने आयी एक महिला की डॉक्टर व कंपाउंडर ने बंद कमरे में जांच शुरू की. जांच के दौरान अश्लील हरकतें करने के साथ दुष्कर्म का प्रयास किया. पीड़िता के चिल्लाने पर परिजन दरवाजा पीटने लगे. इस पर डाक्टर ने कमरे का दरवाजा खोला और तेजी […]
रक्सौलः निजी अस्पताल में देर रात पेट दर्द का इलाज कराने आयी एक महिला की डॉक्टर व कंपाउंडर ने बंद कमरे में जांच शुरू की. जांच के दौरान अश्लील हरकतें करने के साथ दुष्कर्म का प्रयास किया. पीड़िता के चिल्लाने पर परिजन दरवाजा पीटने लगे. इस पर डाक्टर ने कमरे का दरवाजा खोला और तेजी से निकल गया. इस मामले का परिवार मोतिहारी स्थित रक्सौल एसडीजीएम के न्यायालय में दायर किया गया. परिवाद में घटना 14 जनवरी की रात की बताई गयी है. हालांकि चिकित्सक ने भी पीड़िता के परिजनों पर जान से मारने के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया है.
न्यायालय में दायर परिवाद के अनुसार पीड़िता 14 जनवरी की रात करीब नौ बजे पेट दर्द के बाद डॉ सुशील कुमार सिंह (एसके सिंह) के अस्पताल में पति के साथ इलाज के लिए गई. अस्पताल में मौजूद कंपाउंडर शिव कुमार ने कहा कि डॉक्टर साहेब रात में मरीज नहीं देखते हैं. इमरजेंसी फी जमा कराना होगा. फी जमा होने के बाद डॉ सुशील कुमार सिंह व कंपाउंडर शिव कुमार ने पीड़िता की जांच एक कमरे में शुरू की. इस दौरान परिजनों को कमरे से बाहर कर दिया गया.
पीड़िता का आरोप है कि चिकित्सक ने जांच के दौरान अश्लील हरकतें शुरू कर दी. इसके साथ बलात्कार का प्रयास किया. वह चिल्लाने लगी. चिकित्सक के मुंह से शराब की गंध आ रही थी. पीड़िता के चिल्लाने की आवाज सुन परिजन दरवाजा पीटने लगे. जोर-जोर से दरवाजा पीटने के बाद डॉ एसके सिंह दरवाजा खोल कमरे से बाहर निकले और तेजी से चले गए. दायर परिवाद 16/14 में धारा 376(सी)(डी) 511 व 406 के तहत मामला दर्ज करने की मांग की गयी है.
परिवाद में पीड़िता ने आरोप लगाया है कि रात में जब वह रक्सौल थाना पहुंची तो वहां उपस्थित एक व्यक्ति ने बताया कि साहेब गश्ती में हैं. सुबह आओ. सुबह जब वे लोग थाना पहुंचे तो यहां पहले से डॉ एसके सिंह बैठे थे. इसके बाद वे लोग थाने से लौट गये और न्यायालय की शरण ली.
डॉक्टर ने गले पर चाकू रखने का लगाया आरोप
डॉ एसके सिंह ने थाना में आवेदन देकर जान से मारने के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया है. दर्ज मुकदमे में कहा गया है कि 14 जनवरी की रात रवि कुमार अपने भाई व एक अन्य साथी के साथ उनके क्लिनिक पहुंचा. उन्हें अपने घर चल कर इलाज करने के लिए कहा. इनकार करने पर गले पर चाकू लगा कर बाहर लाया. इसका चश्मदीद कंपाउंडर शिव कुमार है.
गले पर चाकू रखने से कंपाउंडर का इनकार
कंपाउंडर शिव कुमार से मोबाइल पर बातचीत की ऑडियो प्रभात खबर के पास है. इसमें उसने विवाद होने की बात स्वीकार की है. चिकित्सक के गले पर चाकू लगाने की बात से वह लगातार इनकार करता रहा है. साथ ही खुद को निदरेष बताते हुए मामले को शांत करने की मिन्नतें करता रहा. शहर के कई गणमान्य सहित राजनीतिक दल के लोग मामले को सुलह कराने के प्रयास में लगे हैं.