मोतिहारी : दरभंगा के सड़क निर्माण कंपनी के दो इंजीनियरों की हत्या कर कुख्यात मुकेश पाठक सीधे मेरठ भाग गया था. वहां मेरठ कैंट में आर्मी मैन राहुल झा के क्वार्टर में तीन दिनों तक रहा, उसके बाद राहुल झा ने उसको इंद्रप्रस्थ स्टेट बी 38 पल्लमपुर में संजीव कुमार नामक व्यक्ति का मकान भाड़ा पर दिलवाया. इंजीनियरों की हत्या के पहले भागलपुर जेल में बंद बिहार पिपुल्स लिबरेशन आर्मी के चीफ संतोष झा ने मेरठ के आर्मी मैन राहुल से बात कर मुकेश के लिए सुरक्षित जगह की व्यवस्था कर चुका था.
झारखंड से गिरफ्तार कुख्यात मुकेश पाठक ने पुलिस के समक्ष इसका खुलासा किया है. उसने पुलिस को बताया है कि मेरठ में आदित्य कुमार के नाम से रहता था. आदित्य नाम से फर्जी आई-कार्ड भी बनवाया. फर्जी आई-कार्ड पर मेरठ के एचडीएफसी बैंक में खाता खोला. करीब तीन महीने तक नाम बदल कर रहा. इस दौरान उसने फर्जी आई-कार्ड का उपयोग कई कामों में किया, लेकिन ज्यादा दिनों तक अपनी पहचान नहीं छुपा सका.आदित्य का राज खुलने पर उसने फिर आशुतोष झा के नाम से दूसरा फर्जी आई-कार्ड बनवा लिया.
मुकेश नाम व पहचान बदल करीब तीन महीने तक मेरठ में छुपा रहा. इस दौरान दरभंगा पुलिस को उसके ठिकाने की भनक लग गयी. उसके मेरठ वाले भाड़ा के मकान पर दरभंगा पुलिस ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से छापा भी मारा था, लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले मुकेश वहां से फरार हो चुका था. पुलिस ने उसके कमरा से वाटर आई-कार्ड, मोबाइल सीम, किराये का एग्रीमेंट पेपर सहित अन्य सामान जब्त किया था. पुलिस के हाथ लगे दर्जनों सीम में निर्माण एजेंसियों के पास रंगदारी में प्रयुक्त दो सिमकार्ड भी था.