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एसएनएस कॉलेज के खाते से ~3.50 लाख िनकाले

मोतिहारी : साइबर क्राइम के धंधेबाज एटीएम के बाद अब फर्जी चेक का प्रयोग कर बैंकों से निकासी कर रहे हैं. शहर के एसएनएस कॉलेज के चेक से भागलपुर में इस तरह की फर्जी निकासी का मामला सामने आया है. भागलपुर की बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा से नौ अगस्त को कॉलेज के खाते से तीन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 12, 2016 6:09 AM

मोतिहारी : साइबर क्राइम के धंधेबाज एटीएम के बाद अब फर्जी चेक का प्रयोग कर बैंकों से निकासी कर रहे हैं. शहर के एसएनएस कॉलेज के चेक से भागलपुर में इस तरह की फर्जी निकासी का मामला सामने आया है. भागलपुर की बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा से नौ अगस्त को कॉलेज के खाते से तीन लाख 50 हजार रुपये राकेश नामक व्यक्ति के खाता में ट्रांसफर हुई. राशि चेक से आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर हुई थी.

फिर 10 अगस्त को गया की बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा में पांच लाख 50 हजार का चेक एसएनएस कॉलेज के खाते राशि निकासी के लिए डाला गया. इस दौरान चेक क्लियरेंस के लिए गया शाखा ने मोतिहारी शाखा से संपर्क किया. सूचना पर मोतिहारी बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रबंधक ने कॉलेज के प्राचार्य डॉ मनोज कुमार से राशि निकासी संबंधित जानकारी ली. इस दौरान संबंधित चेक से राशि निकासी पर आपत्ति जतायी व शिकायत भी दर्ज करायी. मामला संज्ञान में आने के बाद गया शाखा से निकासी पर रोक लगा दी गयी.

कॉलेज प्रशासन की शिकायत पर बैंक प्रबंधन ने कॉलेज के खाता से भागलपुर में हुई निकासी की जांच शुरू कर दी. इस दौरान भागलपुर में राशि ट्रांसफर किये गये राकेश नामक व्यक्ति के खाता को फ्रीज कर दिया गया. बताया जाता है िक यह धंधा साइबर क्राइम करनेवाले धंधेबाज क्लोन चेक (फर्जी) के माध्यम से कर रहे हैं. इधर, प्राचार्य डॉ मनोज कुमार ने कहा कि मामले की शिकायत संबंधित अधिकारी को की गयी है.
बैंक ने खाता को किया फ्रीज
साइबर क्राइम के धंधेबाजों ने क्लोन चेक से की निकासी
भागलपुर बैंक से राकेश के
खाता में ट्रांसफर हुई राशि
बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा
से हुई फर्जी निकासी
गया शाखा की छानबीन के दौरान हुआ मामले का खुलासा
पांच लाख निकासी को गया
में लगाये थे क्लोन चेक
क्या है क्लोन चेक
नये सिस्टम के तहत बैंक से जारी चेक बुक पुस्तिका पर संबंधित खाता की पूरी जानकारी होती है. चेक के सीरियल नंबर व खाता संख्या को हाइजैक कर धंधेबाज क्लोन चेक बना रहे हैं. अब सवाल यह है कि कॉलेज को जारी चेक बुक का नंबर धंधेबाज के हाथ कैसे लगा. कॉलेज प्रशासन के लिए यह गंभीर जांच का विषय बन गया है.

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