चाइना व नार्थ इस्ट से आ रही एके-47
मोतिहारी : भारत-नेपाल सीमावर्त्ती पूर्वी चंपारण जिले में हाल के दिनों में विभिन्न अापराधिक गिरोहों द्वारा अत्याधुनिक हथियारों के प्रयोग से पुलिस की परेशानी बढ़ गयी है. रंगदारी, प्रतिशोधात्मक कारवाई आदि में ये गिरोह एके 47 और एके 56 जैसे हथियार का प्रयोग कर रहे हैं. कार्बाइन व पिस्टल तो इन गिरोहों के पास अनगिनत […]
मोतिहारी : भारत-नेपाल सीमावर्त्ती पूर्वी चंपारण जिले में हाल के दिनों में विभिन्न अापराधिक गिरोहों द्वारा अत्याधुनिक हथियारों के प्रयोग से पुलिस की परेशानी बढ़ गयी है. रंगदारी, प्रतिशोधात्मक कारवाई आदि में ये गिरोह एके 47 और एके 56 जैसे हथियार का प्रयोग कर रहे हैं. कार्बाइन व पिस्टल तो इन गिरोहों के पास अनगिनत संख्या में है.
जानकार सूत्रों की माने तो पूर्वी चंपारण और आस-पास के जिलों में करीब 8-10 बड़ेे अापराधिक गिरोह हैं, जिनके पास हथियारों की आपूर्त्ति चाइना के दरा बार्डर से पाक-पंजाब होकर हो रही है. इसके अलावा नार्थ इस्ट व नेपाल ओपेन बार्डर सुगम मार्ग है. दरभंगा में इंजीनियर हत्याकांड और पकड़ीदयाल के सिरहा कटांस कांड में एके 47 और 56 की गूंज ने पुलिस की परेशानी बढ़ा दी है.
सूत्रों के अनुसार शिवहर, मुजफ्फरपुर सहित पूर्वी चंपारण में सक्रिय बड़े गिरोहों के पास एके 47 की संख्या करीब 16 और 56 की संख्या चार से पांच तथा कार्बाइन की संख्या आठ से दस हो सकती है. नाइम एमएम पिस्टल तकरीबन हर बड़े गिरोह के प्रत्येक सदस्य के पास है. पिछले दिनों पताही थाना के मंगनी चौक पर बाइक सवार अपराधियों से एएसपी विजय कुमार ने चार नाइन एमएम पिस्टल बरामद की थी. श्री कुमार भी अपराधियों के पास अत्याधुनिक हथियार से इंकार नहीं करते हैं.
पूर्वी चंपारण में पुलिस के कई हथियार की हो चुकी है चोरी : छतौनी थाना, मुफस्सिल थाना, रक्सौल थाना के अलावा चीनी मिल पथ में एक अंगरक्षक तथा ट्रेन सफर में एक अंगरक्षक की पिस्टल चोरी पूर्व में हो चुकी है. इनमें से एक की भी बरामदगी नहीं हुई. ये या तो कालाबाजार में बिक चुके हैं या कहीं गुम हो गये हैं.
पहले भी एके 47 से दहला है शहर : वर्ष 97 के दशक में शहर के एक शादी समारोह में एके-47 से हवाई फायरिंग हुई थी. उसके बाद छतौनी में समता नेेता की हत्या, अस्पताल और पंचमंदिर रोड में एके-47 से हत्या की घटना को अंजाम दिया गया था.
इसके बाद अत्याधुनिक हथियारों से घटनाओं का सिलसिला बढ़ा जो थमने का नाम नहीं ले रहा है.
सक्रिय हैं 8-10 अापराधिक संगठित गिरोह
अपराधियों के पास 18 एके -47 व चार एके 56
तीन से साढ़े तीन लाख में होती है एके 47 की आपूर्त्ति
नाइन एमएम पिस्टल बिकता है 10-20 हजार में
अत्याधुनिक हथियारों का प्रयोग पुलिस के लिए बना सिर दर्द
हथियारों की कीमत भी अलग-अलग
दरा, नार्थ ईस्ट, नेपाल आदि से आनेवाले अत्याधुनिक हथियारों की कीमत भी अलग-अलग है. सूत्रों पर विश्वास करें तो एके-47 तीन से साढ़े तीन लाख, एके-56 पांच से छह लाख, कार्बाइन 60-70 हजार, लोकल नाइन एमएम 10-20 हजार, पुलिस से चोरी या छीनी गई पिस्टल की कीमत एक से डेढ़ लाख रुपये है.
अत्याधुनिक हथियारों की बढ़ती संख्या व घटनाओं में प्रयोग चिंताजनक है. पुलिस वैसे अपराधिक गिरोह और अत्याधुनिक हथियार रखनेवालों की सूची बनायी जा रही है. पुलिस वैसे गिरोह के लोगों को सलाखों में भेजेगी.
सुनील कुमार, आइजी, मुजफ्फरपुर परिक्षेत्र