माओवादी के नाम लेवी मांगनेवाला गिरफ्तार

कंपाउंडर से रंगदारी का मामला. जमीन विवाद में रची थी भतीजे को फंसाने की साजिश भतीजा को फंसाने के लिए उसके नाम पर निकाला था फर्जी सिम पुलिस के डर से जला दिया मोबाइल व सिमकार्ड अधजला सिमकार्ड व मोबाइल हुआ बरामद मोतिहारी : शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक डा आशुतोष शरण के कम्पाउंडर से माओवादी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 20, 2016 6:13 AM

कंपाउंडर से रंगदारी का मामला. जमीन विवाद में रची थी भतीजे को फंसाने की साजिश

भतीजा को फंसाने के लिए उसके नाम पर निकाला था फर्जी सिम
पुलिस के डर से जला दिया मोबाइल व सिमकार्ड
अधजला सिमकार्ड व मोबाइल हुआ बरामद
मोतिहारी : शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक डा आशुतोष शरण के कम्पाउंडर से माओवादी के नाम पर 20 लाख की लेवी मांगने वाला मास्टर माइंट दुखी सहनी पकड़ा. पीपरा के टिकुलिया गांव से उसको गिरफ्तार किया गया है. पुलिस की डर से उसने घटना में प्रयुक्त मोबाइल व सिमकार्ड को जला दिया था. उसकी निशानदेही पर अधजला मोबाइल व सिमकार्ड रिकवर कर लिया गया है. दुखी सहनी हरसिद्धि के दामोवृति गांव का रहने वाला है.
पुलिस ने रविवार को उसकी पुत्री अनु देवी को हिरासत में लिया.उससे पूछताछ की गयी तो घटना का परद दर परत खुलासा होते चला गया.एसपी जितेंद्र राणा ने बताया कि दुखी सहनी की गिरफ्तारी के बाद उसकी बेटी अनु देवी को पीआर बॉड पर छोड़ दिया गया. उन्होंने बताया कि दुखी सहनी अपने पट्टीदारी के भतीजा पन्नालाल सहनी को फंसाने के लिए उसका फर्जी पहचान पत्र बनवा जीवधारा से सिमकार्ड निकाला, उसके बाद कम्पाउंडर के पास फोन व मैसेज भेजकर लेवी मांगी.
पन्नालाल से जमीनी विवाद को लेकर उसकी अदावत चल रही थी. पूछताछ में गिरफ्तार आरोपी ने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकारी है.उसने बताया है कि पत्नी का इलाज डा आशुतोष के पास कराया था. डाक्टर के परची पर अंकित मोबाइल नंबर अंकित था. पन्नालाल को फंसाने के लिए उसी मोबाइल नंबर पर फोन कर लेवी की मांग की. उसने यह भी खुलासा किया है कि शहर के एक -दो प्रसिद्ध डॉक्टर के पास भी फोन किया, लेकिन उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया.एसपी ने कहा कि घटना का पूरी तरह से उद्भेदन कर लिया गया है. छापेमारी टीम में शाामिल नगर इंस्पेक्टर अजय कुमार,नाका एक प्रभारी धर्मजीत महतो, दारोगा संजीव कुमार व अन्य शामिल थे.
वैज्ञानिक अनुसंधान में मिली सफलता : डॉक्टर के कम्पाउंडर धर्मेंद्र कुमार से नौ सितंबर को लेवी मांगी गयी. उसके द्वारा एफआइआर दर्ज करने के बाद घटना के उद्भेदन को लेकर नगर इंस्पेक्टर के नेतृत्व में एक टीम गठित किया गया. टीम में शामिल पदाधिकारियों ने काफी गंभीरता से वैज्ञानिक अनुसंधान शुरू किया. नतीजा दस दिनों के अंदर मामले का खुलासा कर लिया गया.
पुलिस टीम को किया जायेगा पुरस्कृत : एसपी जितेंद्र राणा ने बताया कि मामला काफी गंभीर था. रंगदारी मांग एक निर्दोश को फंसाने की साजिश को नाकाम करने वाली पुलिस टीम को पुरस्कृत किया जायेगा.
पुरस्कृत होने वालों में नगर इंस्पेक्टर अजय कुमार, नाका एक प्रभारी धर्मजीत महतो, दारोगा संजीव कुमार सहित अन्य शामिल है.

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