जिले में मानव तस्करी के खिलाफ अभियान तेज अलर्ट.
पर्व-त्योहार का लाभ उठाने के लिए तस्कर सक्रिय मानव तस्करी व बाल मजदूरी पर रोक लगाने के लिए जिले में कसरत तेज हो गयी है. चाइल्ड लाइन के साथ-साथ कई स्वयं सेवी संगठनें इस अभियान में जुट गयी हैं. मोतिहारी : मानव तस्करी पर रोक लगाने व बाल मजदूरों को विमुक्त करने के लिए जिले […]
पर्व-त्योहार का लाभ उठाने के लिए तस्कर सक्रिय
मानव तस्करी व बाल मजदूरी पर रोक लगाने के लिए जिले में कसरत तेज हो गयी है. चाइल्ड लाइन के साथ-साथ कई स्वयं सेवी संगठनें इस अभियान में जुट गयी हैं.
मोतिहारी : मानव तस्करी पर रोक लगाने व बाल मजदूरों को विमुक्त करने के लिए जिले में कार्रवाई तेज हो गयी है. संबधित विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ कई स्वयं सेवी संगठन इस अभियान में जुट गये हैं. पर्व बकरीद व अनंत चतुर्दशी को देखते हुए यह तैयारी की गयी है और महानगरों दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, पंजाब, अमृतसर आदि के लिए जाने व आने वाली गाड़ियों, बसों पर विशेष चौकसी बरती जा रही है और सूचना तंत्र को मजबूत कर दिया गया है.
जानकारी देते हुए विभाग के अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पर्व-त्योहार का लाभ उठा तस्कर बच्चों को अपने साथ ले जाने में अधिक सक्रिय रहते हैं. सीमावर्ती क्षेत्र रक्सौल, सुगौली व मोतिहारी स्टेशनों पर सूचना तंत्र काफी मजबूत की गयी है.
सूचना मिलते ही हो रही छापेमारी: सूचना मिलने के साथ ही छापेमारी की जा रही है. चाइल्ड लाइन के साथ प्रयास, निर्देश व प्रथम संस्था इस अभियान में जुड़ी हुई है. इस के अलावा विभिन्न क्षेत्रों में जागरूकतता अभियान भी चलाया जा रहा है.
नेपाल का भी लिया जा रहा सहयोग : इस मामले में नेपाल के प्रशासन से भी सहयोग लिया जा रहा है. पिछले माह रक्सौल में बैठक हुई थी जिसमें नेपाल के कई अधिकारी व संगठन के लोग शामिल थे. नेपाल से आने वाले मजदूरों की विमुक्ति व उनके अभिभावकों को सौंपने की प्रकिया आसान करने के साथ-साथ मानव तस्करी पर रोक लगाने सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई थी.
गरीबी व अशिक्षा का लाभ उठाते हैं तस्कर : गरीबी व अशिक्षा का लाभ तस्कर उठाते हैं. अभिभावकों को कुछ रुपये का लालच देकर अपने साथ ले जाते हैं, जहां बंधुआ मजदूरी की तर्ज पर उनसे काम लिया जाता है.जानकारी के अभाव में भी अभिभावक अपने बच्चे को सौंप कर उनकी हंस्ती-खिलती जिंदगी को तबाह कर देते हैं.
इन क्षेत्रों से होती है बच्चों की तस्करी: ढाका, घोड़ासहन, रक्सौल, नेपाल के सीमावर्ती जिला, रामगढवा, बनकटवा, बंजरिया, कोटवा आदि प्रखंडों के गावों से बच्चों की तस्करी होती है. पर्व-त्योहार के बीतने के साथ ही यहां से प्रतिदिन बड़ी संख्या बच्चे महानगरों के लिए ले जाये जाते हैं.
नाकारा साबित हो रहा श्रम विभाग का धावा दल: श्रम संसाधन विभाग का धावा दल नाकारा साबित हो रहा है. बाल श्रमिकों की विमुक्ति के लिए पूरे अगस्त में एक बार भी छापेमारी नहीं हुई. अधिकारी खामोश रहे और संंसाधन नहीं होने की बात करतेे रहे.
चाइल्ड लाइन के साथ काम रहे कई संगठन
बकरीद व अनंत चतुर्दशी के बाद लौट रहे हैं लोग
महानगरों की ओर जाने व आनेवाली गाड़ियों पर रखी जा रही नजर
आवंटन व वाहन नहीं होने के कारण शहर में बाल श्रमिकों की विमुक्ति के लिए कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है.आवंटन मिलने के साथ ही धावा दल को सक्रिय कर दिया जायेगा.
अरूणाथ मिश्रा, श्रम अधीक्षक, मोतिहारी
पर्व-त्योहार को देखते हुए मुस्तैदी बढ़ा दी गयी है. सूचना मिलने के साथ ही छापेमारी की जा रही है. बापूधाम मोतिहारी स्टेशन पर हाल की बरामदगी इसका नमूना है.
राजकुमार, सहायक निदेशक, जिला बाल कल्याण समिति