इराक में दो माह से बंधक बना युवक घर पहुंचा
रक्सौल : थाना क्षेत्र के नवका टोला िनवासी रैफुल आलम रविवार को सुरक्षित घर लौट आया. तीन माह पहले घर से कमाने दुबई पहुंचा रैफुल बिचौलियों के चंगुल में फंस कर इराक पहुंच गया था. वहां दो महीने से एक ही कमरे में आठ भारतीयों को बंधक बना कर रखा गया था. बगदाद में उन्हें […]
रक्सौल : थाना क्षेत्र के नवका टोला िनवासी रैफुल आलम रविवार को सुरक्षित घर लौट आया. तीन माह पहले घर से कमाने दुबई पहुंचा रैफुल बिचौलियों के चंगुल में फंस कर इराक पहुंच गया था. वहां दो महीने से एक ही कमरे में आठ भारतीयों को बंधक बना कर रखा गया था. बगदाद में उन्हें शौचालय साफ करने का काम दिया गया. मना करने पर पहले भोजन बंद कर दिया गया. बाद में उनकी
इराक में दो
पिटाई होने लगी. इसके बाद रैफुल के परिजनों ने एक सितंबर को विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर शिकायत दर्ज की. पांच सितंबर तक उन्हें जवाब मिलता रहा. उसके बाद स्टेटस अाना बंद हो गया. रैफुल की मानें, तो सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिली. फिर उस बिचौलिये की ही शरण में जाना पड़ा, जिसने बेचा था. उसी के सहारे वापस लौटा.
रैफुल ने बताया कि 30 जून को वह दिल्ली से दुबई के लिए रवाना हुआ था. उसे बताया गया था िक दुबई की एक कंपनी में रेगन फोरमैन का काम करना है. वहां पहुंचने के बाद 20 दिनों तक दुबई में रखा. इधर-उधर घुमाते रहे. छह कंपनियों में ले जाया गया, लेकिन कहीं स्थायी काम नहीं मिला.
दुबई के बदले भेज दिया बगदाद
20 दिनों तक दुबई में रखने के बाद बिचौलियों ने आठ भारतीयों को बसरा का टिकट दिया. उन्हें पता नहीं था कि बसरा इराक में है. वहां पहुंचने पर इसका पता चला. दो दिन तक बसरा में रखने के बाद नजफ ले जाया गया. नजफ से फिर बसरा लाकर इन लोगों को बगदाद के लोगों को बेच दिया गया.
वहां उन्हें शौचालय साफ करने का काम करना था. इसके बाद सभी ने निश्चय किया कि बगदाद नहीं जायेंगे. इसके बाद इनलोगों को बेरहमी से पीटा जाने लगा. खाना बंद कर दिया गया. 60 दिनों तक बंधक बनाने के बाद जब इराकियों को एहसास हुआ कि ये काम नहीं करेंगे, तो दुबारा पैसे की मांग शुरू की गयी. इधर, मीडिया में खबर आने के बाद गोपालगंज का बिचौलिया डर गया. उसने इन लोगों को वापस लाने का प्रबंध करने लगा. एक हैदराबादी नागरिक के सहयोग से रैफुल व उनके साथी बसरा एयरपोर्ट पहुंचे. उसके बाद इनके घर से वॉट्सएप पर टिकट गया. रविवार को जैसे-तैसे घर पहुंचे.
गोपालगंज का है बिचौलिया
रैफुल व उसके परिजनों का कहना था कि गोपालगंज के कोइनी गांव का कलाम आजाद बिचौलिया था, जो डेढ़ लाख रुपये में दुबई में नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया. पैसा लिया और भेज दिया. कलाम का सिंडिकेट पूरे खाड़ी देश में है. उसने एक साथ आठ लोगों को भेजा था. सबके साथ धोखाधड़ी की. 17 सितंबर को बसरा से छोड़ने के नाम पर फिर से 500-500 डॉलर लिया. हमलोग यहां पहुंचे. रैफुल के आने के बाद उसके घर में खुशियां और आने के बाद से लगातार उसके घर मिलने वालों का तांता लगा हुआ है.
गोपालगंज के बिचौलिये ने झांसा देकर भेजा था दुबई
दो दिन दुबई में रखने के बाद
भेज दिया बगदाद
शौचालय साफ नहीं करने पर पीटा, बंद कर दिया भोजन
आठ भारतीयों को बगदाद के लोगों को दिया था बेच
विदेश मंत्रालय में भी दर्ज
करायी थी शिकायत
फोटो फाइल 25 रक्स 6 में घर वापसी के बाद रैफुल को मिठाई खिलाते परिवार के सदस्य.