बाढ़ के बाद बीमारी के खतरे से परेशान हैं लोग

राघोपुर : बाढ़ की विभीषिका के बाद अब राघोपुरवासियों का जनजीवन पटरी पर आने लगा है. हालांकि अभी भी बाढ़ में तबाह हुये लोगों की सारी समस्याएं खत्म नहीं हुई है. पूर्ण रूप से जनजीवन सामान्य होने में और वक्त लगेगा. गंगा नदी से पानी का संपर्क तो टूट चुका है, लेकिन क्षेत्र के निचले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 5, 2016 3:07 AM

राघोपुर : बाढ़ की विभीषिका के बाद अब राघोपुरवासियों का जनजीवन पटरी पर आने लगा है. हालांकि अभी भी बाढ़ में तबाह हुये लोगों की सारी समस्याएं खत्म नहीं हुई है. पूर्ण रूप से जनजीवन सामान्य होने में और वक्त लगेगा. गंगा नदी से पानी का संपर्क तो टूट चुका है, लेकिन क्षेत्र के निचले इलाके में अभी भी पानी जमा है. अभी भी प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों गांवों के सैकड़ों परिवारों को घर से मुख्य सड़क तक आने और जाने में घुटने भर पानी से होकर आना जाना पड़ता है.

जलजमाव से जमा पानी अब सड़ने लगा है, जिससे लोगों को संक्रामक बीमारियों का खतरा सताने लगा है. ऐसी विषम परिस्थितियों से बचने के लिये सरकार ने एहतियाती तौर पर ऐसी सभी जगहों पर ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कराने का आदेश पूर्व में ही दे दिया था. साथ ही बाढ़ में डूबे सभी चापाकलो को भी उपचारित करने के निर्देश दिये गये थे,

लेकिन कुछेक जगहों पर ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कर विभाग ने पल्ला झाड़ लिया है. क्षेत्र के मोहनपुर, बहरामपुर, साईस्तापुर, रुस्तमपुर चांदपुरा, चकसिंगार, जुरावनपुर सहित अनेक गांवों के टोले मोहल्ले में जलजमाव से सड़ते पानी व दलदल की स्थिति आसानी से देखी जा सकती है.

समय रहते पर्याप्त मात्रा में स्वच्छता पर समुचित ध्यान नहीं दिया गया तो आनेवाले समय में संक्रामक रोगों के खतरों से इंकार नहीं किया जा सकता.

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