रक्सौल : मुखाग्नि की रस्म पूरा होने से पूर्व शहीद जितेंद्र सिंह की पत्नी विमला देवी ने श्मशान घाट में आखिरी बार अपने पति का दर्शन किया. इस दौरान उन्होंने कहा मुझे अपना सुहाग खोने का काफी गम है. लेकिन हमें गर्व भी है कि मेरे पति देश की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिये हैं. मैं चाहती हूं कि मेरी बेटी गुड़िया व बेटा रोहित बड़ा होकर बीएसएफ में ही जायें और देश की रक्षा करें. विमला ने यह भी कहा मेरे पति की इच्छा थी कि मेरी बेटी बीएसएफ में अधिकारी बने. आज मैं भी चाहती हूं कि मेरी बेटी व बेटा बीएसएफ में जाकर अपने पिता की कुरबानी का बदला लें.
उन्होंने सरकार से अपील की कि उनके बच्चों को बीएसएफ में नौकरी दिलाने में मदद करें. वहीं बड़ी बेटी गुड़िया ने भी यही इरादा जाहिर किया कि वह बड़ी होकर बीएसएफ में नौकरी करेगी. उसने कहा, पापा अक्सर कहते थे कि मैं कम पढ़ा लिखा हूं तो जवान हूं. तुमको पढ़ा रहा हूं तुम्हें अधिकारी बनना है. मैं उनके सपना को पूरा करूंगी. तो अबोध रोहित को कुछ समझ ही नहीं आ रहा था और भाव शून्य एकटक खड़ा था. लोग उसे जो भी सुझाव देते थे वह वैसे ही कर रहा था.