सफाई में अव्वल सदर अस्पताल के गेट पर कचरा व जलजमाव
उदासीनता. अस्पताल व नप प्रशासन मौन, मरीजों को होती है परेशानी बीच शहर में है सदर अस्पताल मुख्य गेट पर कचरायुक्त जलजमाव से पार करना मरीजों की मजबूरी रिक्शा से गर्भवती महिला गिर जाये, तो हो सकती है बच्चे की मौत सफाई में अस्पताल को मिला है पहला स्थान मोतिहारी : स्वच्छता व सफाई के […]
उदासीनता. अस्पताल व नप प्रशासन मौन, मरीजों को होती है परेशानी
बीच शहर में है सदर अस्पताल
मुख्य गेट पर कचरायुक्त जलजमाव से पार करना मरीजों की मजबूरी
रिक्शा से गर्भवती महिला गिर जाये, तो हो सकती है बच्चे की मौत
सफाई में अस्पताल को मिला है पहला स्थान
मोतिहारी : स्वच्छता व सफाई के लिए बिहार में प्रथम स्थान प्राप्त करनेवाले सदर अस्पताल मोतिहारी के प्रवेश द्वार पर कचड़ा व बदबूदार नाले का पानी बदनुमा दाग की तरह है. इस दाग को स्वास्थ्य विभाग या प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा अब तक धोने का प्रयास नहीं किया गया है. तभी तो बरसात के मौसम से अब तक सदर अस्पताल के प्रवेश द्वार पर उबड़-खाबड़ सड़क के बीच जल-जमाव बना हुआ है. जहां रोज एक-दो लोग रिक्शा व बाइक से गिरकर चोटिल हो रहे हैं.
अगर रिक्शे से गर्भवती महिला गिर जाये तो जच्चा-बच्चा में किसी की मौत भी हो सकती है. कीचड़नुमा जल-जमाव ऐसा कि पैदल पार करना मुश्किल है. पैदल पार करते है तो कपड़ा निश्चित खराब हो जाता है. यहां यह भी उल्लेख है कि विभिन्न मामलों को ले विधायक, विभिन्न दलों के नेता, पुलिस व प्रशासन के वरीय अधिकारियों का आना-जाना लगा रहता है. बावजूद सदर अस्पताल के गेट पर लगे बदनूमा दाग की ओर किसी का ध्यान नहीं गया.
सदर अस्पताल गेट पर बह रहा नाले का पानी ़
नाले का पानी भी सड़क पर बहता है
खाना, चाय, नाश्ता दुकान के अलावा सड़क किनारे बने नाले का पानी भी सदर अस्पताल गेट पर जल-जमाव का कारण है. स्थानीय सुरेश कुमार, प्रमोद सिंह, रवि आदि कहते हैं कि नगर परिषद द्वारा बरसात से अब तक नाले की सफाई नहीं की गयी है. जल-जमाव में ईंट का टुकड़ा गिरा कर समतल न करना और
खतरनाक बन गया है. इसके लिए अस्पताल प्रशासन के साथ नप को भी सार्थक प्रयास करना चाहिए.
अस्पताल गेट का चापाकल खराब, खरीद कर पी रहे पानी: सदर अस्पताल गेट परिसर का चापाकल भी महीनों से खराब है. ऐसे में मरीज व बाहर से आये लोगों को कैंटिन के पास स्थित चापाकल का सहारा लेना पड़ता है या लोग गेट पर अवस्थित आरओ सेंटर से पानी खरीद कर पीते हैं. पानी खरीदना गरीब मरीजों के वश की बात नहीं.