मोतिहारीः अपनी मांगों को लेकर सरकारी बैंकों के कर्मचारी दूसरे दिन मंगलवार को भी हड़ताल पर रहे. इससे बैंक बंद रहे, जिससे लोगों खास कर व्यापारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.बैंक हड़ताल का व्यापक असर जिले में देखने को मिला है. यूएफबीइओ के दो दिवसीय हड़ताल में शामिल होकर ग्रामीण बैंक कर्मियों ने ग्रामीण व्यापार को भी ठप कर दिया. पूरे जिले में हड़ताल से व्यवसाय पर भी बूरा असर पड़ा. एक तरह से जिले का आर्थिक चहल-कदमी ही रूक गयी है. मंगलवार को यूएफबीइओ के राष्ट्रीय महामंत्री डीएन त्रिवेदी के नेतृत्व में स्थानीय रेडक्रॉस परिसर स्थित ग्रामीण बैंक के रिजनल ऑफिस में प्रदर्शन किया गया.
सुबह से ही लोग एटीएम के दरवाजे पर चक्कर लगाते रहे, लेकिन शहर के किसी भी एटीएम में पैसा नहीं रहने के कारण लोगों को खाली हाथ वापस लौटना पड़ा. लगन के समय होने के कारण लोगों को शादी विवाह से संबंधित खरीदारी करने में परेशानी हुई. इलाज कराने वाले रोगियों को इलाज में पैसा के अभाव में घोर परेशानियों का सामना करना पड़ा. एक अनुमान के मुताबिक जिले के सभी व्यापार शिथिल रहा और करोड़ों रुपये का व्यावसायिक हानि जिले को हुआ. वहीं, सभी बैंकों में काम-काज बाधित रहने के कारण बैंकों को भी भारी नुकसान हुआ. एक तरह से त्रहिमाम की स्थति बनी रही. पैसे के अभाव में आम जन के चेहरे की मुस्कान गायब देखी गयी.
सुगौली प्रतिनिधि के अनुसार, बैंक कर्मियों के विभिन्न मांगों को लेकर दो दिवसीय हड़ताल के दूसरे दिन प्रखंड क्षेत्र के सभी ग्यारह राष्ट्रीय कृत बैंकों में ताले लटके रहे. जिसके कारण ग्राहकों एवं व्यवसायियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. साथ हीं एटीएम से भी लेन देन नहीं हो सका. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले बैंककर्मी अपने वेतन वृद्धि तथा बैंकिंग कामों में सुधार की मांग कर रहे थे. हड़ताल के प्रभाव के बारे में पीएनबी के शाखा प्रबंधक राकेश कुमार के अनुसार दो दिनों में लगभग दो करोड़ का व्यवसाय प्रभावित हुआ है तथा शाखा को लगभग 25 हजार की आर्थिक क्षति हुई है. इस तरह प्रखंड के सभी बैंकों का लगभग 15 करोड़ व्यवसाय एवं लाखों रुपये नकदी क्षति का अनुमान है.
गोविंदगंज प्रतिनिधि के अनुसार, बैंक का कामकाज हड़ताल के दूसरे दिन मंगलवार को बंद रहने से क्षेत्र के लोग परेशन रहे. लगन के इस मौसम में बैंक बंद रहने से अपने-अपने बैंकों में रुपये को जमा व उसकी निकासी नहीं कर सके. इससे लोगों में काफी मायूसी देखी गयी.
अरेराज प्रतिनिधि के अनुसार, अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में सरकारी बैंकों के कर्मचारी दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहे. फल स्वरूप बैंक बंद रहा. लेन देन नहीं होने से बैंक उपभोक्ता व व्यवसायी परेशान रहे.